Oct 23, 2009

रात भी है कुछ भीगी भीगी-मुझे जीने दो १९६३

संगीतकार जयदेव ने अपना अलग मुकाम बनाया फ़िल्म संगीत
के क्षेत्र में। उनके गीत अधिकतर आपको गंभीर और शुद्ध भारतीयता
का स्वाद लिए मिलेंगे। सरलता उनकी खूबी थी जिससे उन्होंने गंभीर
संगीत प्रेमियों के दिलों में जगह बनाई है। इधर एक गीत है फ़िल्म
मुझे जीने दो का। डाकुओं की पृष्ठभूमि पर बनी इस फ़िल्म में सुनील दत्त
और वहीदा रहमान मुख्य कलाकार हैं। इस गीत में वहीदा रहमान का
नृत्य है। गीत गाया है लता मंगेशकर ने और बोल लिखे हैं है
साहिर लुधियानवी ने. । गाने में बस एक ही विचित्र बात है, वो ये कि
हिरोइन की बजाए हीरो की आँखों में ज्यादा काजल लगा हुआ है। ;)

कवि  कहता है 'सोयी हुई पायल की छम छम'।अब इसमें दो बातें हो
सकती हैं- 'सोयी हुई पायल' की छम छम या सोयी हुई ''पायल की
छम छम'' आपने क्या अर्थ लगाया इससे? मैंने तो सोई हुई आवाज़
से  लगा लिया अर्थ। पायल बज तो रही है मगर उसमें जान नहीं है
(हाथी छाप व्हाईट सीमेंट जो नहीं मिला खाने को)। तुम्हारे (डाकू)
के आने से उस मूवमेंट में जान आ गयी है। पहले साउंड थोडा कम
था अब बढ़ गया है-छम छम जोर से सुनाई दे रही है। छम छम के
बाद  धम धम का नंबर आता है जो गाना खत्म होते ही हो जाता
है ।



गाने के बोल:

रात भी है कुछ भीगी-भीगी

रात भी है कुछ भीगी-भीगी
रात भी है
रात भी है कुछ भीगी-भीगी
चाँद भी है कुछ मद्धम-मद्धम
चाँद भी है कुछ मद्धम-मद्धम
तुम आओ तो
तुम आओ तो आँखें खोलें
सोई हुई पायल की छम छम
छम छम, छम छम, छम छम, छम छम

किसको बताएँ, कैसे बताएँ
किसको बताएँ, कैसे बताएँ
आज अजब है दिल का आलम
आज अजब है दिल का आलम
चैन भी है कुछ हल्का हल्का
चैन भी है कुछ हल्का हल्का
दर्द भी है कुछ मद्धम मद्धम
दर्द भी है कुछ मद्धम मद्धम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम

तपते........
तपते दिल पर यूं गिरती है
तपते दिल पर यूं गिरती है
तेरी नज़र से प्यार की शबनम
तेरी नज़र से प्यार की शबनम
जलते हुए जंगल पर जैसे
जलते हुए जंगल पर जैसे
बरखा बरसे रुक-रुक थम-थम
बरखा बरसे रुक-रुक थम-थम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम

होश में थोडी बेहोशी है
हाय, होश में थोडी बेहोशी है
बेहोशी में होश है कम कम
बेहोशी में होश है कम कम
तुझको पाने......
तुझको पाने की कोशिश में
दोनों जहाँ से खो गए हम
दोनों जहाँ से खो गए हम
छम-छम, छम-छम, छम-छम, छम-छम,

रात भी है कुछ भीगी-भीगी
चाँद भी है कुछ मद्धम-मद्धम
तुम आओ तो आँखें खोलें
सोई हुई पायल की छम छम
सोई हुई पायल की छम छम
छम छम, छम छम, छम छम, छम छम
छम छम, छम छम, छम छम, छम छम
छम छम, छम छम, छम छम, छम छम
छम छम, छम छम, छम छम, छम छम
छम छम, छम छम, छम छम, छम छम
छम छम, छम छम, छम छम, छम छम
छम छम, छम छम, छम छम, छम छम
..............................................................................
Raat bhi hai kuchh bheegi bheegi-Mujhe jeene do  1963

Artists on screen-Waheeda Rehman, Sunil Dutt

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