Dec 13, 2014

वो बीते दिन याद हैं २ -पुराना मंदिर १९८४

आपको एक हिट भूतिया फिल्म से एक मधुर गीत सुनवाया था.
आज उसका दूसरा संस्करण सुनते हैं जो स्वयं संगीतकार की
आवाज़ में हैं . ये संगीतकार-गायक हैं अजित सिंह. नायक हैं
मोहनीश बहल और नायिका वही हैं-आरती गुप्ता. एक बी ग्रेड
कि फिल्म, जैसा कि जनता इसे कहती है में ऐसे मधुर गीत
का पाया जाना आश्चर्य का विषय हो सकता है . हमारा हिंदी
फिल्म जगत ऐसे कई अजूबों से भरा पड़ा है. संगीत प्रेमियों के
दिमाग में एक थ्योरी चलती है-सबसे बढ़िया धुन संगीतकार अपने
गाने के लिए सुरक्षित रखता है, काफी हद तक सही है. बप्पी लहरी
ने मगर कई बार क़ुरबानी दी है और बेहतर धुनें दूसरों से गवाईं हैं.




गीत के बोल:

वो बीते दिन याद हैं वो पलछिन याद हैं
गुज़ारे तेरे संग जो, लगा के तुझे अंग जो
वो मुस्काना तेरा वो शर्माना तेरा
दिसंबर का समां , वो भीगी भीगी सर्दियाँ
वो मौसम क्या हुआ, न जाने कहाँ खो गया
बस यादें बाक़ी
वो बातें सब याद हैं, वो रातें सब याद हैं
बितायीं तेरे संग जो, लगा के तुझे अंग जो
मुझसे लिपटना तेरा, पलकें झुकाना तेरा
अभी है दिल में मेरे होंठों की वो नर्मियां
आग लगा के तुम न जाने कहाँ खो गए
बस यादें बाक़ी

वो बीते दिन याद हैं वो पलछिन याद हैं
गुज़ारे तेरे संग जो लगा के तुझे अंग जो
वो मुस्काना तेरा वो शर्माना तेरा
दिसंबर का समां , वो भीगी भीगी सर्दियाँ
वो मौसम क्या हुआ, न जाने कहाँ खो गया
बस यादें बाक़ी

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Wo beete din yaad hain 2 -Purana Mandir 1984

Artists: Aarti Gupta, Mohnish Behl

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