Mar 30, 2015

अल्लाह हाफ़िज़- भूल भुलैया २००७

आज आपको सुनवा रहे हैं समीर का लिखा हुआ एक बेहतर
गीत फिल्म भूल भुलैया से. इसे के. के. ने गाया है. ऊंची
पट्टी की गायकी वाले युग के सूत्रधारों में से एक के. के.
अपनी अलग पहचान बनाये रखने में कामयाब हुए हैं कुछ
हद तक. इस युग में जहाँ असल और नक़ल के बीच फर्क
कर पाना कठिन है, अपनी मांग बनाये रखना प्रशंसनीय
कार्य है.

कुछ भी हो, मुखडा सुन के फिल्म सीता और गीता का गीत
याद आता है- ओ साथी चल. सीता और गीता में पंचम
का संगीत है और गायक के. के. पंचम के संगीत के दीवाने
हैं.




गीत के बोल:

ओ राही चल ओ राही चल
ओ राही चल ओ राही चल
जिंदगी का सफर अजनबी अजनबी
साँसों की रहगुज़र अजनबी
न तुझे है खबर न मुझे है खबर
चल रहे मगर हम अजनबी
अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़
अल्लाह हाफ़िज़  कह रहा हर पल
अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़
अल्लाह हाफ़िज़  कह रहा हर पल

ओ राही चल ओ राही चल
चलते जाना है ओ राही चलते जाना है
चलते जाना है जिंदगी
चलते जाना है ओ राही चलते
जाना है रास्ते हों भले अजनबी
हर नज़ारा हर इशारा नया नया है
कौन जाने हा सवेरा कहाँ
जरा जरा लम्हा लम्हा नया है
कौन जाने है बसेरा कहाँ
हर शहर हर डगर अजनबी अजनबी
हर निशां हर पहर अजनबी
न तुझे है खबर न मुझे है खबर
चल रहे मगर हम अजनबी
अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़
अल्लाह हाफ़िज़ कह रहा हर पल
अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़
अल्लाह हाफ़िज़  कह रहा हर पल

ओ राही चल ओ राही चल
धुप छाया मौज दरिया जुदा जुदा हैं
कौन जाने है किनारे कहाँ
सारे मौसम सारे अल्ल्हम जुदा जुदा हैं
कौन जाने है गुज़ारा कहाँ
हर घडी हर डगर है अजनबी
हर पहर है हर लहर अजनबी
न तुझे है खबर न मुझे है खबर
चल रहे मगर हम अजनबी
अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़
अल्लाह हाफ़िज़ कह रहा हर पल
अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़, अल्लाह हाफ़िज़
अल्लाह हाफ़िज़  कह रहा हर पल
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Allah Hafiz-Bhool Bhulaiya 2007

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