फ़िल्मी बरसात-सावन का महीना-आई मिलन की रात १९९१
बजा कि कई संगीत प्रेमियों को फिल्म के सारे गीत
मुंह जबानी याद हो गए. आपको एक गीत सुनवाया है
पहले-तूने प्यार की बीन बजायी जो इस ब्लॉग का
सबसे चर्चित गीत है !
आइये सुनें इस फिल्म का एक और हिट गीत जिसे
मोहम्मद अज़ीज़ और अनुराधा पौडवाल ने गाया है.
“सावन का महीना” ठीक इन शब्दों से फिल्म मिलन
(१९६७) का गीत शुरू होता है-जो लता मुकेश का गाया
हुआ है. फिल्म मिलन का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
द्वारा दिया हुआ है. मिलन के भी सारे गीत ज़बरदस्त
हिट गीत हैं. आज भी सुनाई देते हैं. आनंद मिलिंद के
संगीत पर लक्ष्मी-प्यारे का प्रभाव भी पढ़ा है. इस बात
का एहसास वे ही कर सकते हैं जिन्होंने लक्ष्मी प्यारे
और आनंद मिलिंद दोनों का संगीत अच्छे से सुना हो.
प्रस्तुत गीत के बोल समीर ने लिखा हैं और यह गीत
फिल्माया गया है अविनाश वाधवान एवं शाहीन पर.
गीत में बांसुरी का भरपूर और खूबसूरत प्रयोग हुआ है.
गीत के बोल:
सावन का महीना आया है, घटा से बरसा है पानी
वे माहिया बुझा दे प्यास जिया दी हो
सावन का महीना आया है, घटा से बरसा है पानी
वे माहिया बुझा दे प्यास जिया दी हो
ऐसे में जो तूने मुझको छुआ मेरी भी बहकी जवानी
वे माहिया बुझा दे आग जिया दी हो
तेरे हुस्न-ओ-शबाब की बात हुई
या मदिरा की बरसात हुई
या मदिरा कि बरसात हुई
मौसम भी शराबी लगता है
मुझे भी चढ्या नशा वे
ओए माहिया बुझा दे प्यास जिया दी हो
ऐसे में जो तूने मुझको छुआ मेरी भी बहकी जवानी
वे माहिया बुझा दे आग जिया दी हो
कोई जोर न दिल पे चलता है
बारिश में बदन मेरा जलता है
बारिश में बदन मेरा जलता है
बूंदों में छुपी है चिंगारी हवा भी सुइयां चुभाये
वे माहिया बुझा दे आग जिया दी हो
सावन का महीना आया है, घटा से बरसा है पानी
वे माहिया बुझा दे प्यास जिया दी हो
हम मिलते रहे हैं जनम जनम
न होंगे जुदा हम मिल के सनम
न होंगे जुदा हम मिल के सनम
आ एक दूजे में खो जाएँ रहे न कोई भी दूरी
वे माहिया बुझा दे आग जिया दी हो
सावन का महीना आया है, घटा से बरसा है पानी
वे माहिया बुझा दे प्यास जिया दी हो
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Sawan ka mahina aaya-Aayi Milan ki raat 1991
1 comments:
waah waah
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