एक छतरी और हम हैं दो-मान गए उस्ताद १९८२
वो गाने जिन्होंने हमारा ध्यान आकृष्ट किया कुछ साल तक तो
सुनाई दिए फिर कहीं गम हो गए-वे कहाँ गए ये प्रश्न ज़रूर हमारे
जेहन में कौंधता है कभी कभी. ऐसे गीतों में से एक आज आपको
सुनवाते हैं फिल्म मान गए उस्ताद(१९८१) से
हिंदी फिल्म संगीत क्षेत्र में सबसे ज्यादा युगल गीत गाये हैं आशा
और रफ़ी ने. नए युग के गानों का टोटल मैंने किया नहीं मगर मेरा
अनुमान है अलका याग्निक और कुमार सानू के गाये युगल गीत
उसके बाद सबसे ज्यादा होंगे.
आशा रफ़ी के लिए सबसे उल्लेखनीय युगल गीत किसने बनाये
ये एक लंबी चर्चा का विषय है लेकिन हम ओ पी नैयर को
ज्यादा से ज्यादा श्रेय देते हुए अपनी चर्चा किसी और मौके पर
करने की बात तय करते हुए गीत पर वापस लौटते हैं.
सोनिक ओमी ने अपने संगीत में समय समय पर थोड़ी ही सही
चमक दिखलाई और हलके फुल्के धमाके किये. ये गीत भी ऐसा
ही कुछ है. इससे पहले का आशा-रफ़ी-सोनिक ओमी कोम्बिनेशन
वाला उल्लेखनीय गीत आपको ज़रूर याद होगा फिल्म रफ़्तार से
‘मैं तेरी हीर हूँ’ कुल जमा २४-२५ ऐसे गीतों में से ४-५ ऐसे
हैं जो आपको याद रह पाएंगे. इन ४-५ याद रखने लायक गीतों
की विशेषता है उनकी धुनें.
फ़िल्मी बरसात वाला गीत है और फिल्माया गया है हेमा मालिनी
और शशि कपूर पर. वर्मा मालिक ने इस गीत को लिखा है. गीत
की शुरुआत में गिटार के नोट्स हैं वो शायद आपको फिल्म कुदरत
के गीत-सुख दुःख की हर एक माला की याद दिलवा सकते हैं.
आशा है पुराने गीतों के रसिकों को ये गीत पसंद आयेगा. एक दो
शब्द की टिप्पणी अवश्य छोड़ें उससे उत्साहवर्धन होता है.
गीत के बोल:
एक छतरी और हम हैं दो अब क्या हो कुछ तो करो
एक छतरी और हम हैं दो अब क्या हो कुछ तो करो
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
प्यार से गोरे तन को पानी से कोरे तन को
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
एक छतरी और हम हैं दो अब क्या हो कुछ तो करो
सर्दी से तन सर्द हुआ हो सर्दी से तन सर्द हुआ
गालों का रंग ज़र्द हुआ तू कितना बेदर्द हुआ
आग जला कर गर्मी दो दिलहार्ट कुछ तो करो
आग जला कर गर्मी दो दिलवर कुछ तो करो
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
एक छतरी और हम हैं दो अब क्या हो कुछ तो करो na
भीगी है तो फिर क्या हुआ हाँ भीगी है तो फिर क्या हुआ
आ मेरी बाँहों में आ पानी में आग लगा दूंगा
धुल के ज़रा निखरने दो आज हुस्न और जवानी को
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
एक छतरी और हम हैं दो अब क्या हो कुछ तो करो
ज़ल्दी से कहीं मुझे छुपा
हो ओ ओ ओ ओ ज़ल्दी से कहीं मुझे छुपा
हाय मेरी तौबा कितनी जालिम है सर्द हवा
धडकन ठंडी रोके तो फिर क्या हो कुछ मत करो
धडकन ठंडी रोके तो फिर क्या हो कुछ तो करो
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
एक छतरी और हम हैं दो अब क्या हो कुछ तो करो
जब तक मैं हूँ साथ सनम हाँ जब तक मैं हूँ साथ सनम
कितनी पड़े बरसात सनम डरने की नहीं कोई बात सनम
जो होता है होने दो आज प्यार में दोनों को
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
अरे अरे अरे एक छतरी थी उड़ गयी वो रहग ए दो
अब क्या हो कुछ तो करो
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
भीगने दो ज़रा भीगने दो भीगने दो ज़रा भीगने दो
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Ek chhatri aur ham hain do-Maan gaye ustad 1981
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