छींक मेरी जान-तुम हसीं मैं जवान १९७०
छींक भी एक ऐसा वेग है शरीर का जिसे नहीं रोका जाना
चाहिए. जब कभी कोई छिन्कियासा होता है तो उसकी नाक
में कुछ अजीब सी हलचल होती है जो छींक आने के बाद ही
खत्म होती है. वैसे वेग तो कोई भी हो शरीर का, उसे रोका
नहीं जाना चाहिए.
हम मान लेते हैं किसी सिचुएशन की डिमांड रही होगी. हम
शर्म क्यूँ करते हैं बाकी के वेग दिखलाने में. अंग्रेजी फिल्मों
में तो सभी प्रकार के वेग अक्सर दिखलाये जाते हैं. इस बात
में हम ईमानदार नहीं हैं.
वैसे निर्देशक को धन्यवाद् इस गीत के लिए जो नायक नायिका
को गीतों में खांसते देख के बोर हो गया और उसने एक
कदम आगे बढ़ के कुछ नया करने की ठानी. तो साहब ये
गीत हसरत जयपुरी ने लिखा है जिसे आशा भोंसले गा रही
है शंकर जयकिशन के संगीत निर्देशन में.
छींकने वाली नायिका हैं हेलन और हेमा मालिनी क्लब की कुर्सी
पर इस छींक नृत्य का आनंद ले रही हैं. ऐसा लगता है मानो
हवा में नसवार उड़ा के सबको छिंकवाया जा रहा हो.
गीत के बोल:
आक छी आक छी
छींक मेरी जान छींक, छींक मेरी जान छींक
जब मैं बोलूं और टटोलूं प्यार भरे हाथों से दिल
छींक मेरी जान छींक, छींक मेरी जान खांस
जब मैं बोलूं और टटोलूं प्यार भरे हाथों से दिल
हो ये गीली गीली बाहें बरखा पे जैसे राहें
ये आँखें रंग भरी हैं रंग डाले जिसको चाहे
ये गीली गीली बाहें बरखा पे जैसे राहें
ये आँखें रंग भरी हैं रंग डाले जिसको चाहे
खांस मेरी जान छींक छींक मेरी जान छींक
जब मैं बोलूं और टटोलूं प्यार भरे हाथों से दिल
मैं गरमा गरम शोला हूँ तू ठंडी ठंडी आहें
जब दिल से दिल मिले तो अरमान बहके जायें
मैं गरमा गरम शोला हूँ तू ठंडी ठंडी आहें
जब दिल से दिल मिले तो अरमान बहके जायें
छींक मेरी जान छींक छींक मेरी जान छींक
जब मैं बोलूं और टटोलूं प्यार भरे हाथों से दिल
हो ये रात भी सुहानी बहकी हुई जवानी
शीशे की पालकी से निकली है दिल की रानी
ये रात भी सुहानी बहकी हुई जवानी
ग्लास की पालकी से निकली है दिल की रानी
छींक मेरी जान छींक, छींक मेरी जान छींक
जब मैं बोलूं और टटोलूं प्यार भरे हाथों से दिल
छींक मेरी जान छींक, छींक मेरी जान छींक
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Chheenk meri jaan-Tum haseen main jawan 1970
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