Feb 26, 2017

मैं पागल मेरा मनवा-आशियाना १९५२

मदन मोहन के संगीत वाली फिल्म आशियाना में कई
मधुर गीत हैं. दो हम आपको सुनवा चुके हैं आज सुनते
हैं तीसरा गीत जो तलत महमूद का गाया हुआ है.

मदन मोहन ने कई गीत इस तरीके के बनाये हैं मानो
पंख से कोई गुदगुदा रहा है आपको. ऐसी सॉफ्ट किस्म
की कम्पोसिशन के लिए तलत महमूद से बेहतर आवाज़
हो ही नहीं सकती थी. ५० के दशक के आसपास तलत
की आवाज़ के कुछ गीत ऐसे हैं जो राज कपूर के ऊपर
फिल्माए गए हैं. ए आर कुरैशी के संगीत वाली बेवफा
में कुछ गीत हैं.

ये  जो वीडियो हैं वो कभी कभी भाप बन के उड़ जाया करते
हैं और भूरा गन्दा सा डब्बा दिखाई देता है उस पर हमारा
बस नहीं.




गीत के बोल:

मैं पागल मेरा मनवा पागल
पागल मेरी प्रीत रे
पगलेपन की पीड़ वो जाने
बिछड़े जिसका मीत रे
मैं पागल मेरा मनवा पागल
पागल मेरी प्रीत रे
मैं पागल

कहे ये दुनिया मैं दीवाना
दिन को देखूँ सपने
दीवानी दुनिया क्या जाने
दीवानी दुनिया क्या जाने
ये सपने हैं अपने
ये सपने हैं अपने
घायल मन की हंसी उड़ाये
ये दुनिया की रीत रे

मैं पागल
छुपी हुई मेरी काया में
राख किसी परवाने की
छुपी हुई मेरी काया में
राख किसी परवाने की

ये मेरा दुखिया जीवन है
हूक किसी दीवाने की
मन के टूटे तार बजा कर
गाऊँ अपने गीत रे

मैं पागल मेरा मनवा पागल
पागल मेरी प्रीत रे
मैं पागल
.........................................................
Main pagal mera manwa pagal-Ashiana 1952

Artist: Raj Kapoor

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