Mar 25, 2017

फूल तुम्हें भेजा है-सरस्वतीचन्द्र १९६८

फिल्म सरस्वतीचन्द्र के इस गीत को सबसे ज्यादा रोमांटिक गीत
मानते है कुछ संगीतप्रेमी. ये गीत है भी काफी लोकप्रिय. सरल से
शंड और आसानी से गई जा सकने वाली आकर्षक धुन इस गीत की
खूबियां हैं. केवल एक शब्द-प्रियतम ने गीत का प्रेजेंटेशन बदल कर
रख दिया है. अमूमन साजना, सजना, बलमा, बालमा इत्यादि शब्द
गीतों में ज्यादा मिला करते हैं.

इन्दीवर का लिखा गीत मुकेश और लता ने गाया है जिसे फिल्माया
गया है मनीष कुमार और नूतन पर. गीतकार हैं इन्दीवर और इसके
संगीतकार हैं कल्याणजी आनंदजी. लता और मुकेश की आवाजें हैं.



गीत के बोल:

फूल तुम्हें भेजा है ख़त में
फूल नहीं मेरा दिल है
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में
फूल नहीं मेरा दिल है
प्रियतम मेरे मुझको लिखना
क्या ये तुम्हारे क़ाबिल है
प्यार छिपा है ख़त में इतना
जितने सागर में मोती
प्यार छिपा है ख़त में इतना
जितने सागर में मोती
चूम ही लेता हाथ तुम्हारा
पास जो तुम मेरे होती
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में

नींद तुम्हें तो आती होगी
क्या देखा तुमने सपना
नींद तुम्हें तो आती होगी
क्या देखा तुमने सपना
आँख खुली तो तन्हाई थी
सपना हो न सका अपना
तन्हाई हम दूर करेंगे
ले आओ तुम शहनाई
ले आओ तुम शहनाई
प्रीत लगा के भूल न जाना
प्रीत तुम्हीं ने सिखलाई

फूल तुम्हें भेजा है ख़त में
फूल नहीं मेरा दिल है
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में

ख़त से जी भरता ही नहीं अब
नैन मिले तो चैन मिले
ख़त से जी भरता ही नहीं अब
नैन मिले तो चैन मिले
चाँद हमारे अंगना उतरे
कोई तो ऐसी रैन मिले
मिलना हो तो कैसे मिले हम
मिलने की सूरत लिख दो
मिलने की सूरत लिख दो
नैन बिछाये बैठे हैं हम
कब आओगे ख़त लिख दो

फूल तुम्हें भेजा है ख़ट में
फूल नहीं मेरा दिल है
फूल तुम्हें भेजा है ख़त में
........................................................................
Phool tumhen bheja hai khat mein-Saraswati Chandra 1968

Artists: Nutan, Manish

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