Apr 29, 2017

मैं ढूंढ रहा था-मोम की गुड़िया १९७२

एक फिल्म है मोम की गुड़िया जो सन १९७२ में आई थी. इस
फिल्म में आनंद बक्षी के गाये दो गीत हैं. एक सोलो है और एक
लता मंगेशकर के साथ गाया हुआ युगल गीत. आनंद बक्षी की
आवाज़ को आप कुछ गीतों में और सुन सकते हैं जैसे शोले की
प्रसिद्ध कव्वाली में. उसके अलावा फिल्म बालिका वधु में भी इनका
गाया एक गीत है. फिल्म चरस और फिल्म जान के एक एक गीत
में शुरू में उनकी आवाज़ है.

आज आपको सुनवाते हैं कवितानुमा गीत मोम की गुड़िया से जिसकी
धुन बनाई है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने. आनंद बक्षी गाने के शौक़ीन रहे
हैं और जश्न महफ़िल वगैरह में वे अपने लिखे गीत गाया करते थे.





गीत के बोल:

मैं ढूंढ रहा था सपनों में
तुमको अनजानों अपनों में
मैं ढूंढ रहा था सपनों में
तुमको अनजानों अपनों में

रस्ते में मुझे एक फूल मिला
तो मैंने कहा, मैंने कहा 
ए फूल तू कितना सुन्दर है
लेकिन तू राख है मौज नहीं
जा मुझको तेरी खोज नहीं

मैं ढूंढ रहा था सपनों में

मैं दीवाना अनजाने में
जा पहुंचा फिर मैखाने में
रस्ते में मुझे एक जाम मिला
तो मैंने कहा, मैंने कहा 
ए जाम तू कितना दिलकश है
लेकिन तू हार है जीत नहीं
जा तेरी मेरी प्रीत नहीं

मैं ढूंढ रहा था सपनों में


मैं बढ़ कर अपनी हस्ती से
गुज़रा तारों की बस्ती में
रस्ते में मुझे फिर चाँद मिला
तो मैंने कहा, मैंने कहा 
ए चाँद तू कितना रोशन है
पर दिल पर तेरा नाम नहीं
जा तेरे बस का काम नहीं
दीपक की तरह जलते जलते
जीवन पथ पर चलते चलते
रस्ते में मुझे संसार मिला
तो मैंने कहा, मैंने कहा 
संसार तू कितना अच्छा है
लेकिन जंजीर है डोर नहीं
जा तू मेरा चितचोर नहीं

मैं ढूंढ रहा था सपनों में

कुछ और चला मैं बंजारा
तो देखा मंदिर का द्वारा
मंदिर में मुझे भगवन मिला
तो मैंने कहा, मैंने कहा
भगवान तेरा घर सब कुछ है
लेकिन साजन का द्वार नहीं
पूजा पूजा है प्यार नहीं
बिता के चैन अकेले में
पहुंचा सावन के मेले में
मेले में जब तुम्हें जब देख लिया
तो मैंने कहा, मैंने कहा
तुम्हीं ही तो, तुम्हीं ही तो
चितचोर मेरे, मनमीत मेरे
तुम बिन प्यासे थे गीत मेरे
................................................................
Main dhoondh raha tha-Mome ki gudiya 1972

2 comments:

Unknown July 11, 2018 at 10:41 AM  

यह गीत बहुत ही अच्छा लगता है जी चाहता है बार बार इस को सुनता रहूँ एक समय ऐसा भी था जब मैं इस गीत के कैसट ढूंढ ढूंढ कर परेशान था पर न मिला अब यूट्यूब मे मिल गया बहुत अच्छा लगा। दिलकश गीत है।

Geetsangeet July 17, 2018 at 10:08 PM  

बढ़िया गीत है और मुझे भी बहुत पसंद है. गीत के बोल के एक शब्द के लिए
जो समझ नहीं आ रहा था, बक्षी साहब के सुपुत्र से पूछा था एक बार.

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