Apr 30, 2017

मिल मिल के गायेंगे-दुलारी १९४९

एक ज़माना था जब नायक नायिका खड़े खड़े गीत गाया करते
थे. फिर हिल हिल के गाने का दौर शुरु हुआ. उसके बाद उछल
कूद वाला युग आया. उड़ उड़ के गीत गाने वाला समय अभी
नहीं आया है.

फिल्म दुलारी से अगला गीत सुनते हैं रफ़ी और लता का गाया
हुआ. शकील के बोल हैं और नौशाद का संगीत. नौशाद के संगीत
में गिटार की ध्वनियों से शुरू होने वाले गीत दुर्लभ हैं. एक संगीत
फोरम पर बरसों पहले चर्चा के दौरान एक संगीत प्रेमी का कथन
था-नौशाद के संगीत में जबरन आ आ ऊ ऊ नहीं मिलता है. ये
बात शत प्रतिशत तो नहीं मगर ९० प्रतिशत संगीत के बारे में
कही जा सकती है. बोलों के साथ जबरिया आलाप और आ आ
ऊ ऊ नहीं होती. इस गीत में अलबत्ता हूँ हूँ हाँ हाँ ज़रूर है.




गीत के बोल:
   
मिल मिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
एक तेरा एक मेरा हूँ हूँ हाँ हाँ
मिल मिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
एक तेरा एक मेरा हूँ हूँ हाँ हाँ

उल्फ़त के पैमाने भरपूर हैं
सब चूर हैं
दुनिया की नज़रों से हम दूर हैं
दुख दूर हैं
छुप छुप के मिलने की अब रुत कहाँ
छुप छुप के मिलने की अब रुत कहाँ
दिन अपने रात अपनी अपना जहाँ
अपना जहाँ

मिल मिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
एक तेरा एक मेरा हूँ हूँ हाँ हाँ

हा हा हा हा हा हा हा हा हा हा
इस जग में आहें ना फ़रियाद है
दिलशाद है
नगरी ये हर गम से आज़ाद है
आबाद है
गुलशन है उल्फ़त का हम है जहाँ
गुलशन है उल्फ़त का हम है जहाँ
गीत अपना बोल अपने अपनी ज़बां
अपनी ज़बां

हिल हिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
एक तेरा एक मेरा हूँ हूँ हाँ हाँ
मिल मिल के गायेंगे हो हो दो दिल यहाँ
एक तेरा एक मेरा हूँ हूँ हाँ हाँ
............................................................
Mil mil ke gayenge-Dulari 1949

Artists: Madhubala, Suresh

2 comments:

Anonymous,  August 8, 2017 at 1:08 PM  

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Geetsangeet August 28, 2017 at 9:26 PM  

हाँ पोस्ट पर इंश्योरेंस की टिप्पणी वाकई रोचक है

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