ये लो मैं हारी पिया-आर पार १९५४
इसे आप एल्लो मैं, येल्लो मैं या ये लो मैं, जैसे शब्दों को फिट
करके गायें इसके प्रभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
गुरु दत्त ने फिल्मों में शांत भूमिकाएं ज्यादा की हैं. किसी भी
फिल्म में आपने उन्हें ढिशुम ढिशुम करते नहीं देखा होगा. इस
गीत में नायक शांत सा अपनी कर चला रहा है और नायिका
बगल में बैठी हुई सारी उछल-कूद कर रही है. हिंदी गीतों के
फार्मूले अनुसार गीत के अंत में सब ठीक ठाक हो जाता है और
कूदना फांदना बंद हो जाता है. नायिका हैं श्यामा.
मजरूह का गीत है, गीता दत्त की आवाज़ और नैयर का संगीत.
गीत के बोल:
ये लो मैं हारी पिया हुई तेरी जीत रे
काहे का झगड़ा बालम नई नई प्रीत रे
ये लो मैं हारी पिया हुई तेरी जीत रे
काहे का झगड़ा बालम नई नई प्रीत रे
ये लो मैं हारी पिया
नये नये दो नैन मिले हैं
नई मुलाकात है
मिलते ही तुम रूठ गये जी
ये भी कोई बात है
जाओ जी माफ़ किया
तू ही मेरा मीत रे
काहे का झगड़ा बालम नई नई प्रीत रे
ये लो मैं हारी पिया
हुई तिहारी संग चलो जी
बैयाँ मेरी थाम के
बंधी बलम किस्मत की डोरी
संग तेरे नाम के
लड़ते ही लड़ते मौसम
जाये नहीं बीत रे
काहे का झगड़ा बालम नई नई प्रीत रे
ये लो मैं हारी पिया
चले किधर को बोलो बाबू
सपनों को लूट के
हाय राम जी रह नहीं जाये
दिल मेरा टूट के
देखो मैं गाली दूंगा
छोड़ दो ये रीत रे
काहे का झगड़ा बालम नई नई प्रीत रे
ये लो मैं हारी पिया
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Ye lo main haari piya-Aar Paar 1954
Artists: Guru Dutt, Shyama
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