इंसान मोहब्बत में कुछ काम-नर्तकी १९६३
पुराने ज़माने के गीतों की तरह इसमें पंक्तियाँ कई बार गाई
गई हैं. गीत कव्वालीनुमा है और कव्वालियों में पंक्तियाँ कई
कई बार दोहराने की परंपरा है.
शकील के बोल हैं और रवि का संगीत. इस फिल्म से रफ़ी का
गाया एक गीत आप सुन चुके हैं पहले.
गीत के बोल:
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
ऐ प्यार के दीवानों दुनिया है क़यामत की
ऐ प्यार के दीवानों दुनिया है क़यामत की
किस्मत पे न रख देना दुनिया जो मोहब्बत की
किस्मत पे न रख देना दुनिया जो मोहब्बत की
किस्मत का भरोसा क्या बिगड़े के संवर जाए
किस्मत का भरोसा क्या बिगड़े के संवर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
मायूस भी हैं नज़रें उम्मीद भी है बाकी
मायूस भी हैं नज़रें उम्मीद भी है बाकी
ये कौन सा आलम है अब तू ही बता साकी
ये कौन सा आलम है अब तू ही बता साकी
ये कौन सा आलम है अब तू ही बता साकी
आखिर तेरा दीवाना जाए तो किधर जाए
आखिर तेरा दीवाना जाए तो किधर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
छलके हुए अश्कों को मुश्किल नहीं पी लेना
छलके हुए अश्कों को मुश्किल नहीं पी लेना
गम ये है के मोहब्बत में आसान है जी लेना
गम ये है के मोहब्बत में आसान है जी लेना
वो कैसे जिए जिसका गम हद से गुजर जाए
वो कैसे जिए जिसका गम हद से गुजर जाए
या ढूंढ ले साहिल को या डूब के मर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
इंसान मोहब्बत में कुछ काम तो कर जाए
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Insaan mohabbat mein kuchh kaam-Nartaki 1963
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