ये मौसम का जादू है-हम आपके हैं कौन १९९४
में बलाव का दौर आया फिल्म मैंने प्यार किया से जिसने आय
अर्जित करने के कई रेकोर्ड को ध्वस्त किया. इसके संगीत ने
भी बेहिसाब और बेतहाशा बिक्री का रेकोर्ड बनाया. आज भी इसके
गीत उस दौर के युवा लोगों की जुबां पर चढ़े हुए हैं. आज की
पीढ़ी भी इस फिल्म के संगीत से प्रभावित होती है.
ये सिलसिला चला कुछ और सालों तक, अगली फिल्म जो आई
उसने मैंने प्यार किया के रेकोर्ड को पीछे छोड़ दिया. इसके गीत
भी खूब बजे और आज भी बज रहे हैं. ये फिल्म राजश्री की ही
७० के दशक की बेहद सफल फिल्म ‘नदिया के पार’ का रीमेक
है, बस परिवेश शहरी हो गया है समय के साथ.
आइये सुनें सन १९९४ की फिल्म से अगला गीत जो कि एक युगल
गीत है लता मंगेशकर और एस पी बालू का गाया हुआ. रवींद्र रावल
के बोल है और संगीत राम लक्ष्मण का.
गीत के बोल:
ठंडी ठंडी पुरवैया में उड़ती है चुनरिया
धड़के मोरा जिया रामा बाली है उमरिया
दिल पे नहीं काबू
कैसा ये जादू
ये मौसम का जादू है मितवा
ना अब दिल पे काबू है मितवा
नैना जिसमें खो गए दीवाने से हो गए
नजारा वो हरसू है मितवा
ये मौसम का जादू है मितवा
सहरी बाबू के संग मेम गोरी गोरी हे
ऐसे लागे जैसे चंदा की चकोरी
फूलों कलियों की बहारें
चंचल ये हवाओं की पुकारें
हमको ये इशारों में कहे हम
थम के यहाँ घड़ियाँ गुजारें
पहले कभी तो ना हमसे
बतियाते थे ऐसे फुलवा
ये मौसम का जादू है मितवा
सच्ची सच्ची बोलना भेद ना छुपाना
कौन डगर से आये कौन दिसा है जाना
इनको हम ले के चले हैं
अपने संग अपनी नगरिया
हाय रे संग अनजाने का
उस पर अनजान डगरिया
फिर कैसे तुम दूर इतने
संग आ गयी मेरी गोरिया
ये मौसम का जादू है मितवा
ना अब दिल पे काबू है मितवा
नैना जिसमें खो गए दीवाने से हो गए
नजारा वो हरसू है मितवा
ये मौसम का जादू है मितवा
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Ye mausam ka jadoo hai mitwa-Hum aapke hain kaun 1994
Artists: Salman Khan, Madhuri Dixit
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