Jan 19, 2018

आज मेरे नसीब ने-हलचल १९५१

विंटेज युग कुछ संगीत रसिकों की नज़र में ५० तक का
दौर है. कुछ के लिए कट-ऑफ १९४० है. सबके अपने
अपने पैरामीटर और किलोमीटर हैं.

सुनते हैं फिल्म हलचल से एक गीत लता मंगेशकर का
गाया हुआ. खुमार बाराबंकवी के बोल हैं जिसे संगीतकार
सज्जाद हुसैन ने सुरों में पिरोया है.



गीत के बोल:

आज मेरे नसीब ने मुझको रुला रुला दिया
आज मेरे नसीब ने मुझको रुला रुला दिया
बीते दिनों की याद ने फिर मेरा दिल दुखा दिया
आज मेरे नसीब ने मुझको रुला रुला दिया

लूट लिया मेरा करार फिर भी ऐ बेकरार ने
लूट लिया मेरा करार फिर भी ऐ बेकरार ने
दर्द ने मेरे चैन को ख़ाक़ में फिर मिला दिया
आज मेरे नसीब ने मुझको रुला रुला दिया

लाऊँ कहाँ से मैं वो दिल
लाऊँ कहाँ से मैं वो दिल तुमको जो प्यार कर सके
जिसमे बसे हुए थे वो मैंने वो दिल गँवा दिया
आज मेरे नसीब ने मुझको रुला रुला दिया

अश्क़ जो थे रुके रुके आज वो फिर बरस पड़े
अश्क़ जो थे रुके रुके आज वो फिर बरस पड़े
ऐ मेरी नामुरादियों तुमने मुझे मिटा दिया

आज मेरे नसीब ने मुझको रुला रुला दिया
बीते दिनों की याद ने फिर मेरा दिल दुखा दिया
आज मेरे नसीब ने मुझको रुला रुला दिया
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Aaj mere naseeb ne-Halchal 1951

Artist: Nargis

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