ऐतबार नहीं करना-क़यामत २००३
है. समीर के बोल और नदीम श्रवण का संगीत है. इसे कहीं
ना कहीं आपने एक बार अवश्य सुना होगा.
गीत अभिजीत और साधना सरगम ने गाया है. आपको ऐसा
भी लग सकता है मानो इसे अलका याग्निक गा रही हों.
गीत के बोल:
ऐतबार नहीं करना इन्तज़ार नहीं करना
ऐतबार नहीं करना इन्तज़ार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
इकरार नहीं करना जाँ निसार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
मंज़िलें बिछड़ गयीं रास्ते भी खो गये
आये फिर ना लौट के जो दीवाने हो गये
चाहतों की बेबसी दूरियों के ग़म मिले
बेक़रारियाँ मिलीं चैन यार कम मिले
बेक़रार नहीं करना इन्तज़ार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
कोई तो वफ़ा करे कोई तो जफ़ा करे
किसको है पता यहाँ कौन क्या ख़ता करे
ऐसा ना हो इश्क़ में कोई दिल को तोड़ दे
बीच राह में सनम तेरा साथ छोड़ दे
इज़हार नहीं करना इन्तज़ार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
ऐतबार नहीं करना इन्तज़ार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
हद से भी ज़्यादा तुम किसी से प्यार नहीं करना
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Aitbaar nahin karma-Qayamat 2003
Artists: Sunil Shetty, Neha Dhupia
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