सम्भल तो ले दिल दीवाना-फूल बने अंगारे १९६३
गया है माला सिन्हा पर.
आनंद बक्षी के बोल हैं और कल्याणजी आनंदजी का संगीत. ये
उस श्रेणी का गीत है जिसमें नायिका ग्लैड, ग्लैडर और ग्लैडेस्ट
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ठहर जाना
सम्भल तो ले दिल दीवाना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले दिल दीवाना ज़रा ठहर जाना
अभी न सामने आना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले
मैं गुज़री उम्र को वापस ज़रा पुकार तो लूँ
मैं अपने आप को थोड़ा बहुत सँवार तो लूँ
लिबास ग़म का निगाहों से मैं उतार तो लूँ
समा तो हो ले सुहाना ज़रा ठहर जाना
अभी न सामने आना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले
ख़ुशी भी इतनी अचानक मैं सह न पाऊँगी
मैं अपने आप में बस आज रह न पाऊँगी
जो तुमसे कहना है मुझको वो कह न पाऊँगी
मैं याद कर लूँ फ़साना ज़रा ठहर जाना
अभी न सामने आना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले दिल दीवाना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले
सताने वाले तुम्हें मैं भी थोडा तडपाऊँ
तलाश करते फिरो तुम मुझे मैं छुप जाऊं
हज़ार कहने पे भी सामने ना मैं आऊँ
बनाऊं कोई बहाना ज़रा ठहर जाना
अभी न सामने आना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले दिल दीवाना ज़रा ठहर जाना
सम्भल तो ले
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Sambhal to le dil-Phool bane angaare 1963
Artist: Mala Sinha
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