ऐ मेरे हमसफ़र-बाज़ीगर १९९३
गीत पेश है आपके लिए. इसे ओन्न्ची पट्टी पे गाने
वाले विनोद राठोड और अलका याग्निक ने गाया है.
किशोर कुमार के क्लोन के रूप में उभरे विनोद राठोड
कभी भी किशोर कुमार जैसे सुनाई नहीं दिए. पता नहीं
किन किन संगीत विशषज्ञों ने उन्हें ये खिताब दे दिया.
खैर उनके लिए ये उपलब्धि हो सकती है. फिल्म में
विनोद राठोड को ३ गीत गाने को मिले और ये सुने
गए सभी. उनकी आवाज़ में जो खनक है वही उनकी
विशेषता है.
राठोड की गायकी अलग है और वे दूसरों से अलग सुनाई
देते हैं. उन्हें ज्यादा मौके गाने के मिले नहीं बाद में.
९० के दशक के बाद वे कम सुनाई दिए. संगीतकार
अन्नू मलिक के लिए शायद उन्होंने सबसे ज्यादा गीत
गाये हैं. गीत लिखा है रानी मलिक ने और अच्छा लिखा
है.
गीत के बोल:
ऐ मेरे हमसफ़र, ऐ मेरी जान-ए-जां
मेरी मंजिल है तू, तू ही मेरा जहां
ऐ मेरे हमसफ़र ऐ मेरे जान-ए-जां
बन गए आज हम दो बदन एक जां
ऐ मेरे हमसफ़र
भीगा भीगा आँचल, आँखों का ये काजल
घायल ना कर दे मुझे
सीने की ये हलचल, बढ़ने लगी पल पल,
पागल ना कर दे मुझे
पागल जो हम हो गए,
बन जाएगी दास्ताँ
आहिस्ता बोलो सनम,
सुन लेगा सारा जहां
मेरी मंजिल है तू
सांसो के ये शोले, सांसो में तू घोले,
पल में पिघल जाएँ हम
होठों के अंगारे, होठों पे हमारे रख दे
तो जल जाएँ हम
ये प्यार वो आग है,
जिसमें नहीं है धुंआ
लगती है जब ये अगन,
जल जाते हैं जिस्म-ओ-जां
बन गए आज हम दो बदन एक जां
ऐ मेरे हमसफ़र, ऐ मेरी जान-ए-जां
मेरी मंजिल है तू, तू ही मेरा जहां
ऐ मेरे हमसफ़र ऐ मेरे जान-ए-जां
बन गए आज हम दो बदन एक जां
ऐ मेरे हमसफ़र
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Ae mere hamsafar-Baazigar 1993
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