आँसू भरी है ये जीवन की राहें-परवरिश १९५८
दत्ताराम का पांचवा गीत. लोकप्रिय गीत है और फिल्म के
हीरो हैं राज कपूर. हसरत जयपुरी की कलम से निकला एक
दर्द भरा गीत.
फिल्म: परवरिश
वर्ष: १९५८
संगीत : दत्ताराम
बोल: हसरत जयपुरी
गायक: मुकेश
कभी कभी आँख बंद करके कॉपी पेस्ट करने वालों के लिए झटके जैसी
एक पोस्ट डालना पड़ जाती है. सालों से कई बेशर्म इधर आ कर केवल
पोस्ट के आइडिये चुरा चुरा कर चोरों जैसे काम कर रहे हैं. एक में भी
इतना आत्मबल नहीं है एक कमेन्ट करता जाए.
गीत के बोल:
आँसू भरी है ये जीवन की राहें
कोई उनसे कह दे हमें भूल जाएँ
वादे भुला दे, कसम तोड़ दे वो
हालत पे अपनी हमें छोड़ दे वो
ऐसे जहां से क्यों हम दिल लगाये
कोई उनसे कह दे हमें भूल जाएँ
बरबादियों की अजब दास्तां हूँ
शबनम भी रोये मैं वो आसमां हूँ
तुम्हें घर मुबारक हमें अपनी आहें
कोई उनसे कह दे हमें भूल जाएँ
आँसू भरी है ये जीवन की राहें
कोई उनसे कह दे हमें भूल जाएँ
................................................
Aansoo bhari hain ye-Parvarish 1958
0 comments:
Post a Comment