लड़की क्यूँ न जाने-हम तुम २००४
लंबे गीत मिल जायेंगे. अगर ऐसे गीतों के साथ विवरण भी
चस्पा किया जाए तो दो किलोमीटर लंबी दास्तान हो जायेगी.
प्रस्तुत गीत है गीत और बोलचाल का मिश्रण फिल्म हम तुम
से जो सैफ अली खान और रानी मुखर्जी अभिनीत एक चर्चित
फिल्म थी. प्रसून जोशी के लिखे गीत की तर्ज़ बनायीं है जोड़ी
जतिन ललित ने. धुन चाहे आकर्षक हो या न हो, गीत रोचक
है. नोक झोंक और छेड़ छाड वाले गीत सुनने में ज्यादा आनंद
देते हैं. इसमें नोक झोंक ज्यादा है. गीत जैसे जैसे प्रगति की
और अग्रसर होता है कुछ कुछ रैप गीत जैसा सुनाई देता है और
इसमें रैप के आवश्यक तत्वों -गिम्मी, वाना, गोना, ऊह ऊह,
ये ये जैसे शब्दों में से दो शब्द आये हैं.
गीत गाया है शान उर्फ शांतनु और अलका याग्निक ने.
गीत के बोल:
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती
सोचती है ज़्यादा कम वो समझती है
सोचती है ज़्यादा कम वो समझती है
दिल कुछ कहता है कुछ और ही करती है
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती
सोचती है ज़्यादा कम वो समझती है
सोचती है ज़्यादा कम वो समझती है
दिल कुछ कहता है कुछ और ही करती है
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती
प्यार उसे भी है मगर शुरूआत तुम्ही से चाहे
खुद में उलझी-उलझी है पर बालों को सुलझाये
आय मीन यू आर आल द सेम यार
हम अच्छे दोस्त हैं पर उस नज़र से तुमको देखा नहीं
वो सब तो ठीक है पर उस बारे में मैंने सोचा नहीं
सब से अलग हो तुम ये कह के पास तुम्हारे आये
और कुछ दिन में तुम में अलग सा कुछ भी न उसको भाये
उफ़ ये कैसी शर्ट पहनते हो
ये कैसे बाल कटाते हो
गाड़ी तेज़ चलाते हो
तुम जल्दी में क्यूँ खाते हो
गिम्मी ए ब्रेक
तुम्हें बदलने को पास वो आती है
तुम्हें मिटाने को जाल बिछाती है
बातों-बातों में तुम्हें फंसाती है
पहले हँसाती है
फिर बड़ा रुलाती है
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती
ऐ इतना ही खुद से ख़ुश हो तो पीछे क्यूँ आते हो
फूल कभी तो हज़ार तोहफ़े आख़िर क्यूँ लाते हो
अपना नाम नहीं बताया आपने
क़ॉफ़ी पीने चलेंगे
मैं आपको घर छोड़ दूँ
फिर कब मिलेंगे
बिखरा बिखरा बेमतलब सा टूटा फूटा जीना
और कहते हो अलग से हैं हम तान के अपना सीना
भीगा तौलिया कहीं फ़र्श पे
टूथपेस्ट का ढक्कन कहीं
कल के मोज़े उलट के पहने
वक़्त का कुछ भी होश नहीं
जीने का तुमको ढंग सिखलाती है
तुम्हें जानवर से इन्साँ बनाती है
उसके बिना एक पल रह ना सकोगे तुम
उसको पता है ये कह ना सकोगे तुम
इसलिये लड़कियाँ लड़कों सी नहीं होतीं
इसलिये लड़कियाँ लड़कों सी नहीं होतीं
जाने कौन-कौन से दिन वो तुमको याद दिलाये
प्यार को चाहें भूल भी जाये तारीख़ें न भुलाये
फर्स्ट मार्च को नज़र मिलाई
चार अप्रैल को मैं मिलने आई
इक्कीस मई को तुमने छुआ था
छः जून मुझे कुछ हुआ था
लड़कों का क्या है किसी भी मोड़ पे वो मुड़ जायें
अभी किसी के हैं अभी किसी और से वो जुड़ जायें
तुम्हारे मम्मी डैडी घर पे नहीं हैं
ग्रेट मैं आ जाऊँ
तुम्हारी फ्रेंड अकेली घर जा रही है
बेचारी मैं छोड़ आऊँ उफ़्
एक हाँ कहने को कितना दहलाती है
थक जाते हैं हम वो जी बहलाती है
वो शरमाती है कभी छुपाती है
लड़की जो हाँ कह दे उसे निभाती है
इसलिये लड़कियाँ लड़कों सी नहीं होतीं
इसलिये लड़कियाँ लड़कों सी नहीं होतीं
ना ना ना ना
इसलिये लड़कियाँ लड़कों सी नहीं होतीं
लड़की क्यों… ओह गॉड
इसलिये लड़कियाँ लड़कों सी नहीं होतीं
ना ना ना ना ओह गॉड शट अप
आल राईट आल राईट
इस में झगडा करने की क्या बात है यार
पहले पहले भँवरे जैसे आसपास मंडराई
अरे बट आय
फिर बिज़ी हूँ कह कर तुमको वो टरकाई
कम ऑन रिया
समझा करो डार्लिंग आज बहुत काम हैं
अरे मेरी भी तो सुनो
दूर हुआ तो क्या दिल में तुम्हारा नाम है
ओह वाव
जिस चेहरे पर मरते हैं वो बोरिंग हो जाए
आय ऍम नॉट लिसनिंग टू यू
कुछ ही दिन में नज़रें इनकी इधर उधर मंडराई
आय ऍम नॉट लिसनिंग टू यू
सिर्फ प्यार से जिंदगी नहीं चलती
ओ के आय ऍम नॉट विद हर
तुम इंटीरियर डेकोरेशन का कोर्स क्यों नहीं करती
ओ के देट्स इट
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Ladki kyun-Hum tum 2004
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