May 31, 2017

दिल आवारा दिल बंजारा-ये साली जिंदगी २०११

स्वानंद किरकिरे का लिखा एक गीत सुनते हैं आज.

फिल्म: ये साली जिंदगी
वर्ष: २०११
गीतकार:
गायक:शिल्प राव, जावेद अली
संगीत: निशात खान




गीत के बोल:

तू रु रु तू रु रु
इन राहों पर हम क्यूँ चले
हम जो चले तुम क्यूँ मिले
तुम जो मिले दो राहें मिलीं
दिल ने कहा क्यूँ
क्या है इस गली, क्या है उस गली
तुम उधर चले मैं इधर चली क्यूँ
क्यूँ न मैं रुकी क्यूँ न तुम थमे
चलते गए चलते गए
इन राहों पर हम क्यूँ चले
हम जो चले तुम क्यूँ मिले

दिल आवारा दिल बंजारा दर-ब-दर क्यूँ फिरता मारा
जीने का मर्ज़ लिये
इक दर जीता इक दर हारा हारा जीता जीता हारा
ख़ुशियों का कर्ज़ लिये

दर-ब-दर दिल दर-ब-दर
बेसबर दिल दर-ब-दर

दिल आवारा दिल बंजारा दर-ब-दर क्यूँ फिरता मारा
जीने का मर्ज़ लिये
इक दर जीता इक दर हारा हारा जीता जीता हारा
ख़ुशियों का कर्ज़ लिये

हर दर पे इक सूरत इक अफ़साना
हर दर पे इक ग़म भी है पहचाना

दर-ब-दर दिल दर-ब-दर
बेसबर दिल दर-ब-दर

दिल आवारा दिल बंजारा दर-ब-दर क्यूँ फिरता मारा
जीने का मर्ज़ लिये
इक दर जीता इक दर हारा हारा जीता जीता हारा
ख़ुशियों का कर्ज़ लिये

ज़िंदगी टेढ़ी मेढ़ी टेढ़ी अंधी सी डगर
ज़िंदगी तेरा मेरा तेरा तन्हा-सा सफ़र
ज़िंदगी दो ही पल को बन जा हमसफ़र
ज़िंदगी दूजी गली जाने क्या हो क्या ख़बर

दर-ब-दर दिल दर-ब-दर
बेसबर दिल दर-ब-दर

दिल आवारा दिल बंजारा दर-ब-दर क्यूँ फिरता मारा
जीने का मर्ज़ लिये
इक दर जीता इक दर हारा हारा जीता जीता हारा
ख़ुशियों का कर्ज़ लिये

ज़िंदगी तेरे मेरे तेरे नाम की लहर
ज़िंदगी साहिलों पे आये-जाये हर पहर
ज़िंदगी पार लगे थाम ले लहर
ज़िंदगी चूका जो तू हाथ में सिफ़र

दर-ब-दर दिल दर-ब-दर
बेसबर दिल दर-ब-दर

दिल आवारा दिल बंजारा दर-ब-दर क्यूँ फिरता मारा
जीने का मर्ज़ लिये
इक दर जीता इक दर हारा हारा जीता जीता हारा
ख़ुशियों का कर्ज़ लिये
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Dil awara dar-ba-dar-Ye saali zindagi 2011

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