Nov 14, 2019

हम जब सिमट के आपकी-वक्त १९६५

आज सुनते हैं साहिर लुधियानवी का लिखा हुआ
एक रोमांटिक गीत फिल्म वक्त से जिसे रवि ने
संगीत में बाँधा है. आशा भोंसले गायिका हैं. गीत
फिल्माया गया है साधना और सुनील दत्त पर.

प्यार में वक्त ठहर जाता है और जब व्यक्ति निपट
के घडी देखता है तब तक काफी समय बीत चुका
होता है. इसलिये कहते हैं प्यार अंधा होता है उसे
घडी नहीं दिखाई देती.

बिना कोलगेट से दांत मांजे जब जहां की खुशबू एक
छोटे से मुंह में समा जाए तो समझो बत्ती पूरी तरह
से गुल है.





गीत के बोल:

हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
लाखों हसीन ख्वाब निगाहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये

खुशबू चमन को छोड़ के साँसों में घुल गई
खुशबू चमन को छोड़ के साँसों में घुल गई
लहरा के अपने आप जवां जुल्फ खुल गई
हम अपनी दिलपसंद पनाहों में आ गये
हम जब सिमट के आप की बाँहों में आ गये
लाखों हसीन ख्वाब निगाहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये

कह दी है दिल की बात नज़रों के सामने
कह दी है दिल की बात नज़रों के सामने
इकरार कर लिया है बहारों के सामने
दोनों जहां आज गवाहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
लाखों हसीन ख्वाब निगाहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये

मस्ती भरी घटाओं की परछाईयों तले
मस्ती भरी घटाओं की परछाईयों तले
हाथों में हाथ थाम के जब साथ हम चले
शाखों से फूल टूट के राहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
लाखों हसीन ख्वाब निगाहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
हम जब सिमट के आपकी बाँहों में आ गये
……………………………………………………..
Ham jab simat ke aapki bahon mein-Waqt 1965

Artists: Sunil Dutt, Sadhana

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