Apr 26, 2016

रोते हुए आते हैं सब-मुक़द्दर का सिकंदर १९७८

सन १९७८ की फिल्म मुकद्दर का सिकंदर का संगीत ऐसा तैयार
हुआ जिसे कई दशकों आगे तक बजना था. अपने ज़माने में
इस फिल्म के गीत लगभग हर जगह सुनाई देते थे. सार्वजनिक
जगहों पर पहले इतने साधन नहीं थे गाना सुनने के. रेडियो के
अलावा कुछ शौकीनों और धनाड्यों के पास ही कुछ सुनने का
सामान हुआ करता था.

किशोर के गाये और अमिताभ पर फिल्माए गीत उस समय
जनता बेहद पसंद करती थी. अमिताभ छोटी पर थे और उस
समय कल्याणजी आनंदजी का सितारा भी बुलंदी पर था. एक
से बढ़ कर एक धुनें तैयार की उन्होंने. इस गीत की पंक्तियाँ
जो सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुईं वे दुसरे अंतरे में हैं-

ज़िन्दगी तो बेवफा है एक दिन ठुकरायेगी
मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जायेगी

गीत अनजान ने लिखा है जिन्होंने फिल्म डॉन का प्रसिद्ध गीत
‘खई के पान बनारस वाला’ भी लिखा है.



गीत के बोल:

रोते हुये आते हैं सब, हँसता हुआ जो जायेगा
वो मुकद्दर का सिकंदर, जानेमन कहलायेगा

वो सिकंदर क्या था जिसने ज़ुल्म से जीता जहां
प्यार से जीते दिलों को, वो झुका दे आसमां
जो सितारों पर कहानी प्यार की लिख जायेगा
वो मुकद्दर का सिकंदर, जानेमन कहलायेगा

ज़िन्दगी तो बेवफा है एक दिन ठुकरायेगी
मौत महबूबा है अपने साथ लेकर जायेगी
मर के जीने की अदा जो दुनिया को सिखलायेगा
वो मुकद्दर का सिकंदर, जानेमन कहलायेगा

हमने माना ये ज़माना दर्द की जागिर है
हर कदम पे आँसुओं की इक नई ज़ंजीर है
साज़-ए-गम पर जो खुशी के गीत गाता जायेगा
वो मुकद्दर का सिकंदर, जानेमन कहलायेगा
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Rote hue aate hain sab-Muqaddar ka sikandar 1978

Artist:Amitabh Bachchan

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