Feb 4, 2017

भरी दुनिया में आख़िर दिल-दो बदन १९६६

फिल्म दो बदन से रफ़ी का गाया एक गीत सुनिए. गीत तेज
गति का है मगर इसमें दर्द का पुट है. वाद्य यंत्रों के शानदार
प्रयोग की वजह से ये अनूठा बन पड़ा है. प्यानो का इसमें
सुन्दर प्रयोग है.

शकील बदायूनीं के बोल हैं और रवि का संगीत. मनोज कुमार
और आशा पारेख अभिनीत इस फिल्म की काफी तारीफ हुई
थी. फिल्म हालांकि दुखांत है फिर भी आज इसे क्लासिक के
रूप में देखा जाता है. इसके सारे गीत हिट हैं.



गीत के बोल:

भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं
मुहब्बत हो गई जिनको वो दीवाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया

लगे हैं शम्मा पर पहरे ज़माने की निगाहों के
लगे हैं शम्मा पर पहरे ज़माने की निगाहों के
ज़माने की निगाहों के
जिन्हें जलने की हसरत है
जिन्हें जलने की हसरत है वो परवाने कहाँ जाएं
मुहब्बत हो गई जिनको वो दीवाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया

सुनाना भी जिन्हें मुश्किल छुपाना भी जिन्हें मुश्किल
सुनाना भी जिन्हें मुश्किल छुपाना भी जिन्हें मुश्किल
छुपाना भी जिन्हें मुश्किल

ज़रा तू ही बता ऐ दिल
ज़रा तू ही बता ऐ दिल वो अफ़साने कहाँ जाएं
मुहब्बत हो गई जिनको वो दीवाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया

नज़र में उलझनें दिल में है आलम बेकरारी का
नज़र में उलझनें दिल में है आलम बेकरारी का
है आलम बेकरारी का
समझ में कुछ नहीं आता
समझ में कुछ नहीं आता सुकून पाने कहाँ जाएँ
मुहब्बत हो गई जिनको वो दीवाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया में आख़िर दिल को समझाने कहाँ जाएं
भरी दुनिया
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Bhari duniya mein aakhir dil-Do badan 1966

Artists: Manoj Kumar, Pran, Asha Parekh

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