ये रास्ते वही थे-द साइलेंट हीरोज़ २०१५
हुई फिल्म है. इस फिल्म से एक गीत सुनते हैं सोनू निगम की
आवाज़ में.
गीत और संगीत राहुल मिश्रा का है. फिल्म के प्रमुख कलाकार है
जयदीप रावत, प्रियंका पांचाल और गुरफ़रीन बानो.
गीत के बोल:
ये रास्ते वही थे ये ही थे नजारे
वो वक्त कहाँ खो गया
कानों से गुजर के खामोशी गयी है
धीरे से है शायद कुछ कहा
ये रास्ते वही थे ये ही थे नजारे
वो वक्त कहाँ खो गया
कानों से गुजर के खामोशी गयी है
धीरे से है शायद कुछ कहा
जानी पहचानी भीनी सी आ रही
सपनों की हैं खुशबुऐं
सपनों का गाँव है कहीं पे
आते हैं बादल भी वहीं से
जानी पहँचानी भीनी सी आ रही
सपनों की हैं खुशबुऐं
कागज की उड़ानें
मंजिल को पाने चली हैं
छोटी सी कलम से
खुशियाँ बनाने चली हैं
कागज की उड़ानें
मंजिल को पाने चली हैं
छोटी सी कलम से
खुशियाँ बनाने चली हैं
नंगे पांव सही
खुशियों को पाने आगे जाना है
सपनों का गाँव है कहीं पे
आते हैं बादल भी वहीं से
जानी पहचानी भीनी सी आ रही
सपनों की हैं खुशबुऐं
इक छोटा सा ही तो
ख्वाब है पलकों तले
नन्ही सी कली की
जिद है के खुल के खिले
इक छोटा सा ही तो
ख्वाब है पलकों तले
नन्ही सी कली की
जिद है के खुल के हिले
जाने क्यूँ आ रही है
नजर हर तरफ मुश्किलें
छोटी छोटी धड़कनों से
दबे छुपे इन्हीं पलों से
अरमानें के आँसुओं से
आ रही मंजिलों की खुशबुऐं
मंजिलों की खुशबूऐं
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Ye raste wahi the-The silent heroes 2015
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