Apr 10, 2018

तुम एक बार मोहब्बत का इम्तिहान तो लो-बाबर १९६०

एक गीत सुनते हैं बाबर फिल्म से रफ़ी का गाया हुआ. इसे
लिखा है साहिर लुधियानवी ने और इसकी धुन तैयार की है
रोशन ने.

ऐतिहासिक फ़िल्मी कथाओं में बाबर, हुमायूँ और अकबर पर
फ़िल्में बन चुकी हैं. औरंगजेब नाम से भी एक फिल्म आई
मगर उसका कथानक अलग है.

गीत अज़रा और सोहन कपिला पर फिल्माया गया है. नायक
सोहन कपिला ८० के दशक में फिल्मों में दिखने वाली नायिका
पद्मिनी कपिला के पिता हैं.





गीत के बोल:


तुम एक बार मोहब्बत का इम्तिहान तो लो
मेरे जूनून मेरी वहशत का इम्तिहान तो लो
तुम एक बार मोहब्बत का इम्तिहान तो लो

सलाम-ए-शौक पर रंजिश बहरा पयाम ना दो
सलाम-ए-शौक पर रंजिश बहरा पयाम ना दो
मेरे ख़ुलूस को हिरास-ओ—हवास का नाम ना दो
मेरी वफ़ा की हकीकत का इम्तिहान तो लो
तुम एक बार मोहब्बत का इम्तिहान तो लो

ना तख़्त-ओ-ताज ना लाल-ओ-गुहर की हसरत है
ना तख़्त-ओ-ताज ना लाल-ओ-गुहर की हसरत है
तुम्हारे प्यार तुम्हारी नज़र की हसरत है
तुम अपने हुस्न की अजमत का इम्तिहान तो लो
तुम एक बार मोहब्बत का इम्तिहान तो लो

मैं अपनी जान भी दे दूं तो ऐतबार नहीं
मैं अपनी जान भी दे दूं तो ऐतबार नहीं
के तुमसे बढ़ के मुझे जिंदगी से प्यार नहीं
यूँ ही सही मेरी चाहत का इम्तिहान तो लो
तुम एक बार मोहब्बत का इम्तिहान तो लो
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Tum ek baar mohabbat ka-Babar 1960

Artists: Azra, Sohan Kapila

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