आदम का लहू-तू ही मेरी जिंदगी १९६५
फिल्म तू ही मेरी जिंदगी से. फिल्म के प्रमुक कलाकार हैं देव मुखर्जी
और निवेदिता. निवेदिता वही जो फिल्म धरती कहे पुकार के में प्यानो
पर बैठ के ‘दिए जलाएं प्यारे के’ गीत गा रही थीं.
नीरज के लिखे गीत की तर्ज़ बनाई है रोनोदेव मुखर्जी ने और इसे रफ़ी
ने गाया है.
गीत के बोल:
मायूस न हो ऐ मेरे वतन
आँसू से न धो ये लाल कफ़न
मिटकर भी नहीं मिट पाता है
आदम का लहू, आदम का लहू
आदम का लहू, आदम का लहू
ये मसली हुई कंवारी कलियाँ
ये मसली हुई कंवारी कलियाँ
ये बिछड़ा हुआ माँ से बचपन
दुल्हन से ये रूठे हुए कंगन
पथराये हुए ये प्यासे नयन
तू ही आजादी लाता है
आदम का लहू, आदम का लहू
हिंदू वो नहीं मुसलिम वो नहीं
हिंदू वो नहीं मुसलिम वो नहीं
इनसान रे बस इनसान है वो
नफ़रत जो करे शैतान है वो
ग़र प्यार करे भगवान है वो
कतरे में समंदर लाता है
आदम का लहू, आदम का लहू
आदम का लहू, आदम का लहू
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Aadam ka lahu-Tu hi meri zindagi 1965
Artist: Deb Mukherji