Feb 4, 2017

अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो-एन इवनिंग इन पेरिस १९६७

पेरिस की एक शाम से अगला गीत सुनते हैं. गीत में नायक
नायिका से विनती कर रहा है की उसे साथ ले लिया जाए.

रफ़ी के गाये रोमांटिक गीतों को कई मजनुओं ने टूल की तरह
इस्तेमाल किया. ये गाना भी मनचलों का पसंदीदा रहा है. इसे
कई मजनुओं को गाते मैंने सुना है, अब तो वो समय नहीं रहा.
आजकल अरिजीत सिंह, आतिफ असलम का ज़माना है. गाना
गा के चक्कर चलाने का समय गया. वो समय था जब कुछ ही
लोग सुर में गाया करते थे. आज सुर के मायने बदल गए हैं.
आवाज़ आनी चाहिए चाहे कहीं से आये और सुर, ससुर, असुर,
बेसुर के बीच का फर्क खत्म होता जा रहा है.

गीत में स्विट्ज़रलैंड का झंडा लहराता दिखाई देता है. अब या
तो फिल्म की मोर्निंग या आफ्टरनून दूसरे देश में फिल्माया
गया है और खाली इवनिंग पेरिस जो कि फ्रांस में है मनाई
गयी है. 




गीत के बोल:

अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो
अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो
हमें साथ ले लो जहाँ जा रहे हो
अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो
हमें साथ ले लो जहाँ जा रहे हो
अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो

कोई मिट रहा है  तुम्हें कुछ पता है
कोई मिट रहा है  तुम्हें कुछ पता है
तुम्हारा हुआ है  तुम्हें कुछ पता है
ये क्या माज़रा है  तुम्हें कुछ पता है

अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो
हमें साथ ले लो जहाँ जा रहे हो
अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो

तड़पता ना छोड़ो  मेरी जान हो तुम
तड़पता ना छोड़ो  मेरी जान हो तुम
ये मुखड़ा ना मोड़ो  मेरी जान हो तुम
मेरा दिल ना तोड़ो  मेरी जान हो तुम

अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो
हमें साथ ले लो जहाँ जा रहे हो
अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो

कोई रोक लेगा  तो फिर क्या करोगे
कोई रोक लेगा  तो फिर क्या करोगे
कदम थाम लेगा  तो फिर क्या करोगे
खुशामद करेगा  तो फिर क्या करोगे

अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो
हमें साथ ले लो जहाँ जा रहे हो
अकेले अकेले कहाँ जा रहे हो
…………………………………………………..
Akele akele kahan jaa rahe ho-An evening in Paris 1967

Artists: Sammi Kapoor, Sharmila Tagore

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