गर्दिश में हों तारे-रेशमी रुमाल १९६१
गीत मुकेश ने गाया है. राजा मेहँदी अली खान के बोल
हैं और बाबुल का संगीत. संगीतकार बाबुल वही हैं
बिपिन बाबुल की जोड़ी वाले.
फिल्म रेशमी रुमाल में कुछ कर्णप्रिय गीत हैं. इस
फिल्म में मनोज कुमार और शकीला प्रमुख कलाकार
हैं.
गीत के बोल:
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
मुझको मेरी आशा देती है दिलासा
मुझको मेरी आशा देती है दिलासा
आयेंगी बहारें चली जाएगी ख़िज़ा
हो आस्मां ये नीला नीला करे है इशारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
दुनिया है सराय रहने तो कह्म आए
दुनिया है सराय रहने तो कह्म आए
आया है तो हँसी-खुशी रह ले तू यहाँ
हो सूरमा है ज़िंदगी जो काँटों में गुज़ारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
बाज़ुओं में दम है फिर काहे का ग़म है
बाज़ुओं में दम है फिर काहे का ग़म है
आहनी इरादे हैं उमंगें हैं जवां
हो मुश्किलें कहाँ हैं उम्हें मेरा दिल पुकारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
ग़र तू हिम्मत न हारे तो होंगे वारे न्यारे
गर्दिश में हों तारे ना घबराना प्यारे
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Gardish mein hon tare-Reshmi Rumaal 1961
Artist: Manoj Kumar
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