एक दफ़ा एक जंगल था-सदमा १९८३
सुना रहा है नायिका को जंगल वाली . फिल्म काफी मर्मस्पर्शी
है और इसे इसके गीतों के साथ जनता आज भी याद करती है.
अभिनेत्री श्रीदेवी के फ़िल्मी कैरियर की ये एक माईलस्टोन फिल्म
है.
इन संसारी जंगल में मानव ने कई तरह के जंगल खुद भी बना
लिए हैं. कहीं इमारतों के जंगल कहीं अपनी सुविधाओं के जंगल
तो कहीं कूड़े के जंगल. वास्तविक जंगल जो पेड़ पौधों से भरे
रहते थे लुप्त होते जा रहे हैं.
गीत गुलज़ार का लिखा हुआ है जिसकी धुना इलया राजा ने
बनाई है. गीत कमाल हासन और श्रीदेवी की आवाजों में हैं.
गीत के बोल:
एक दफ़ा एक जंगल था
उस जंगल में एक गीदड़ था
एक दफ़ा एक जंगल था
उस जंगल में एक गीदड़ था
बड़ा लोफ़र बड़ा लीचड़ आवारा
जंगल पार एक बस्ती थी
उस बस्ती में वह जाता था
रोज़ाना रोज़ाना
हाँ हाँ हाँ
एक दफ़ा एक जंगल था
उस जंगल में एक गीदड़ था
बड़ा लोफ़र बड़ा लीचड़ आवारा
एक दफ़ा उस बस्ती के
कुत्तों ने उसको देख लिया
इस मोड़ से उसको दौड़ाया
उस मोड़ पे जा के घेर लिया
जब कुछ ना सूझा गीदड़ को
दीवार के ऊपर से कूदा
उस पार किसी का आँगन था
आँगन में नील की हांडी थी
हांडी थी वो नीली थी
उस नील में यूँ गिरा गीदड़
सब हो गया कीचड़ ही कीचड़
अरे कीचड़ सब कीचड़ सब कीचड़
जितने थे जंगल में वो सब
गीदड़ का पानी भरने लगे
सब समझे कोई अवतार है वो
और उसकी सेवा करने लगे
सावन के महीने में इक दिन
कुछ गीदड़ मिल कर गाने लगे
नीले गीदड़ को जोश आया
बिरादरी पर इतराने लगे
और झूम के जब आलाप किया
अरे बाप रे
पहचाने गए और पकड़े गए
हर एक ने ख़ूब पिटाई की
सब रंग उतर गए राजा के
और सबने ख़ूब धुलाई की
दे दनादन ले दनादन
दे दनादन ले दनादन
बोल बोल बोल बोल
दे दनादन दे दनादन दे दनादन
……………………………………………………………….
Ek dafa ek jangal tha-Sadma 1983
Artists: Sridevi, Kamal Hasan
0 comments:
Post a Comment