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May 7, 2018

एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे-ग्रामोफोन सिंगर १९३८

पुराने समय में लंबी लंबी लाइनों वाले गीत कम हुआ करते थे.
गीतों में एजेंडे भी कम होते थे मसलन इसी गीत को ले लीजिए
इसमें छोटा सा मंदिर बनाने की बात है और उसके बाद यूँ ही
जिंदगी बिताने की बात है. ज्यादा हीले-हवाले नहीं हैं और एक
सिंपल सा गीत सामने है.

जिया सरहदी ने इसे लिखा है, सुरेन्द्र ने गाया है और इस गीत
की धुन अनिल बिश्वास ने तैयार की है.




गीत के बोल:

एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे
एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे
अपनी देवी को उसमें बिठायेंगे
अपनी देवी को उसमें बिठायेंगे
एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे
एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे

रोज़ फूलों से उसको सजायेंगे
रोज़ फूलों से उसको सजायेंगे
यूँ ही अपनी उमरिया बितायेंगे
यूँ ही अपनी उमरिया बितायेंगे

एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे
एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे
अपनी देवी को उसमें बिठायेंगे
अपनी देवी को उसमें बिठायेंगे
एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे
एक छोटा सा मन्दिर बनायेंगे
...................................................................................
Ek chhota sa mandir banayenge-Gramphone singer 1938

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Apr 29, 2018

दिल के अरमान निकालूँ-ऐलान १९४७

दिल के अरमान हिट्स के अंतर्गत एक गीत सुनते हैं १९४७ की
फिल्म ऐलान से. इस फिल्म से हम आपको एक गीत सुनवा चुके
हैं. पुरनी फ़िल्में गीतों से लबालब उया करती थीं. फिल्म ऐलान
का भी कुछ ऐसा ही हाल है..

जिया सरहदी के गीत को गाया है जोहराबाई अंबालेवाली ने. गीत
की तर्ज़ नौशाद की है.




गीत के बोल:

दिल के अरमान निकालूँ मैं आ जा
दिल के अरमान निकालूँ मैं आ जा
आ जा आ जा मेरा दिल लुभा जा
दिल के अरमान निकालूँ मैं आ जा

मैं जवान तू जवान दिल जवान है
मैं जवान तू जवान दिल जवान है
हाथ में जामे उम्रे रवां है
हाथ में जामे उम्रे रवां है
पी के मस्ती भरी अंखियों से
पी के मस्ती भरी अंखियों से
नगमा-ए-जिंदगानी सुना जा
आ जा आ जा मेरा दिल लुभा जा
दिल के अरमान निकालूँ मैं आ जा

क्या खबर थी मुश्किल है रास्ता
मुश्किल है रास्ता
इश्क होता नहीं इतना सस्ता
हाँ  इश्क होता नहीं इतना सस्ता

हो गयीं अब तो जेबें भी खाली
हो गयीं अब तो जेबें भी खाली
रह गयी है फकत एक गाली
रह गयी है फकत एक गाली
गाली दूँगी हठीले अब आ जा
गाली दूँगी हठीले अब आ जा
ओ रसीले छबीले अब आ जा
इश्क वालों के दिल गुदगुदा जा
इश्क वालों के दिल गुदगुदा जा
दिल के अरमान निकालूँ मैं आ जा

आ जा आ जा मेरा दिल लुभा जा
दिल के अरमान निकालूँ मैं आ जा
………………………………………………..
Dil ke armaan nikaloon-Elaan 1947

Artist:

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Apr 7, 2018

इक दिल का लगाना बाक़ी(लता)-अनोखा प्यार १९४८

सन १९४८ की फिल्म अनोखा प्यार से एक उम्दा गीत और
सुनते हैं. गायिका लता मंगेशकर की आवाज़ वाले इस गीत
का मीना कपूर वाला तर्जुमा आप पहले सुन चुके हैं.

जिया सरहदी ने गीत लिखा है और अनिल बिश्वास का संगीत
है. ये एल पी वर्ज़न है जिसे यू ट्यूब पर कद्रदान द्वारा अपलोड
किया गया है.

जैसा कि आप जानते हैं फिल्म अनोखा प्यार दिलीप कुमार,
नलिनी जयवंत और नर्गिस अभिनीत एक फिल्म है जिसका 
निर्देशन एम् आई धरमसे ने किया. फिल्म की कहानी एक
प्रेम त्रिकोण पर आधारित है.




गीत के बोल:

इक दिल का लगाना बाक़ी था
सो दिल भी लगा के देख लिया
तक़दीर का रोना कम न हुआ
आँसू भी बहा के देख लिया
इक दिल का लगाना

इक बार भुलाना चाहा था
सौ बार वो हमको याद आया
इक बार भुलाना चाहा था
सौ बार वो हमको याद आया
इक भूलने वाले को हमने
सौ बार भुला के देख लिया
इक भूलने वाले को हमने
सौ बार भुला के देख लिया

इक दिल का लगाना

अब तक तो समझ में आ न सका
इस दिल की तमन्नाएं क्या हैं
अब तक तो समझ में आ न सका
इस दिल की तमन्नाएं क्या हैं
सौ बार
सौ बार हँसा के देख लिया
सौ बार रुला के देख लिया
सौ बार हँसा के देख लिया
सौ बार रुला के देख लिया

इक दिल का लगाना बाक़ी था
सो दिल भी लगा के देख लिया
इक दिल का लगाना
....................................................................
Ek dil ka lagana(Lata)-Anokha Pyar 1948

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Apr 6, 2018

आईने में एक चाँद सी सूरत-ऐलान १९४७

सन १९४७ की फिल्म ऐलान से एक गीत सुनते हैं. ये आज आपको
विंटेज युग से दूसरा गीत सुनवा रहे हैं. उम्मीद के मुताबिक़ पाठक
संख्या आज सबसे कम होगी. नए छोरों को ये भाते नहीं और सयाने
पाठक यहाँ आते नहीं. उन्हें विंटेज युग का संगीत अंग्रेजी आलेखों
और बोलों में जल्दी समझ आता है.

खैर, वो सब तो चलता ही रहेगा, संसार है. कहा है-तुलसी इस संसार
में भाँति भाँति के लोग. गीत सुनते हैं जिसे सुरेन्द्र और अमीरबाई ने
गाया है. ज़िया सरहदी के बोल हैं और नौशाद का संगीत.




आईने में एक चाँद सी सूरत नज़र आई
आईने में एक चाँद सी सूरत नज़र आई
सौ बार हुई जिसपे फ़िदा सारी ख़ुदाई
हो ओ ओ सूरत नज़र आई
हाँ आ आ सौ बार हुई जिसपे फ़िदा सारी ख़ुदाई
हो सूरत नज़र आई

आँखों में तमन्नाओ का आबाद ज़माना
हर बात कुछ ऐसी के मोहब्बत का फ़साना
आँखों में तमन्नाओ का आबाद ज़माना
हर बात कुछ ऐसी के मोहब्बत का फ़साना
फूलों ने नज़ाक़त तेरे रुख़सार से पाई
हो ओ ओ सूरत नज़र आई
आईने में एक चाँद सी सूरत नज़र आई

ढलका हुआ आँचल हो क़यामत की अदायें
देता है मेरा दिल तुझे रह-रह के दुआयें
ढलका हुआ आँचल हो क़यामत की अदायें
देता है मेरा दिल तुझे रह रह के दुआयें
आ आ आ हुस्न सलामत रहे आबाद रहे तू
हाय हाय हुस्न सलामत रहे आबाद रहे तू
तू है तो तेरे दम से है आबाद ख़ुदाई
तू है तो तेरे दम से है आबाद ख़ुदाई
हो ओ ओ सूरत नज़र आई
आईने में एक चाँद सी सूरत नज़र आई
………………………………………………………..
Aaine mein ek chand si soorat-Elaan 1947

Artists: Munawwar Sultana, Shahnawaz

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Feb 18, 2018

उल्फ़त के हैं काम निराले-आवाज़ १९५६

सन १९५६ की आवाज़ की गूँज कितनी दूर तक सुनाई दी
ये तो नहीं बतलाया जा सकता अलबत्ता राजेश खन्ना वाली
आवाज़ की गूँज कुछ समय तक सुनाई ज़रूर दी.

यहाँ गूँज से तात्पर्य फिल्म के गीतों से है. पुरानी आवाज़
में सलिल चौधरी का संगीत है तो नयी आवाज़ में पंचम का.

सुनते हैं ज़िया सरहदी का लिखा और लता मंगेशकर का गाया
५६ की आवाज़ से यह गीत. इसे फिल्म का शीर्षक गीत भी
कहा जा सकता है.




गीत के बोल:

हसरत-ओ-यास को ले कर शब-ए-ग़म आई है
भीड़ की भीड़ है तन्हाई ही तन्हाई है

उल्फ़त के हैं काम निराले बन बन के बिगड़ जाते हैं
क़िस्मत में न हो तो साथी मिल मिल के बिछड़ जाते हैं
उल्फ़त के हैं काम निराले

उम्मीदें भी हैं इक सपना दुनिया में नहीं कुछ अपना
उम्मीदें भी हैं इक सपना ढूनिया में नहीं कुछ अपना
आँसू हैं तो बह जाते हैं अरमाँ है तो मर जाते हैं
उल्फ़त के हैं काम निराले

आवाज़ उठी है दिल से बेदर्द ज़माने सुन ले
आवाज़ उठी है दिल से बेदर्द ज़माने सुन ले
कल तू भी उजड़ जायेगा हम आज उजड़ जाते हैं

उल्फ़त के हैं काम निराले बन बन के बिगड़ जाते हैं
क़िस्मत में न हो तो साथी मिल मिल के बिछड़ जाते हैं
उल्फ़त के हैं काम निराले
.......................................................
Ulfat ke hain kaam nirale-Awaaz 1956

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Aug 28, 2017

भोला भाला री-अनोखा प्यार १९४८

दिलीप कुमार, नर्गिस, नलिनी जयवंत अभिनीत फिल्म
अनोखा प्यार से अगला गीत सुनते हैं जिसे गाया है 
लता मंगेशकर ने.

पुरानी फिल्मों के ट्रेंड अनुसार इस फिल्म में भी ढेर सारे
गीत हैं. फिल्म का सबसे लोकप्रिय गीत तो वही है-याद
रखना चाँद तारों मगर बाकी के गीत भी तबियत से सुने
गए हैं.



गीत के बोल:

भोला भाला री मोरा बलमा न जाने
भोला भाला री मोरा बाबू न समझे
प्रीत भरे मन के इशारे
हाँ हाँ रे मोरे प्रीत भरे मन के इशारे
भोला भाला री मोरा बलमा न जाने
भोला भाला री मोरा

रोऊँ तो समझे मोहे और कोई दुःख है
झूठी हँसी देख पिया माने मोहे सुख है
चैन न पाये जिया कैसे बताऊँ पिया
चैन न पाये जिया कैसे बताऊँ पिया
जीती हूँ तेरे सहारे
ओ बाबू मोरे जीती हूँ तेरे सहारे

भोला भाला री मोरा बलमा न जाने
भोला भाला री मोरा

कैसी जवानी राजा कैसी ज़िंदगानी
तेरे बिना जीवन है भूली कहानी
भूली कहानी राजा आ के सुना दे
भूली कहानी राजा आ के सुना दे
बिखरे हैं अंसुवन के तारे
ओ राजा मोरे बिखरे हैं अंसुवन के तारे

भोला भाला री मोरा बलमा न जाने
भोला भाला री मोरा बाबू न समझे
प्रीत भरे मन के इशारे
हाँ हाँ रे मोरे प्रीत भरे मन के इशारे
भोला भाला री मोरा बलमा न जाने
भोला भाला री मोरा
.............................................................
Bhola bhala ri-Anokha Pyaar 1948

Artist: Nalini Jaywant

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Oct 23, 2016

इक दिल का लगाना बाक़ी था-अनोखा प्यार १९४८

एक उम्दा गीत सुनते हैं १९४८ की फिल्म अनोखा प्यार से.
नर्गिस पर इसे फिल्माया गया है.  मीना कपूर की आवाज़
है, जिया सरहदी के बोल है और अनिल बिश्वास का संगीत
है. ये गीत लता मंगेशकर की आवाज़ में भी उपलब्ध है.
इस फिल में कुछ ऐसे गीत झें जो मीना कपूर और लता
दोनों की आवाज़ में उपलब्ध हैं. उस समय तक लता एक
अनजाना और संघर्षरत चेहरा थीं. इस फिल्म के गीतों से
उन्हें काफी प्रसिद्धि मिली. 

अनोखा प्यार दिलीप कुमार, नलिनी जयवंत और नर्गिस
अभिनीत फिल्म है जिसके निर्देशक एम् आई धरमसे हैं.
फिल्म की कहानी एक प्रेम त्रिकोण पर आधारित है. आप
गौर करेंगे कि यश चोपड़ा के पहले भी ऐसे कई निर्माता
निर्देशक हुए हैं जिन्होंने प्रेम त्रिकोण पर फ़िल्में बनायीं हैं.




गीत के बोल:

इक दिल का लगाना बाक़ी था
सो दिल भी लगा के देख लिया
इक दिल का लगाना बाक़ी था
सो दिल भी लगा के देख लिया
तक़दीर का रोना कम न हुआ
आँसू भी बहा के देख लिया
तक़दीर का रोना कम न हुआ
आँसू भी बहा के देख लिया
इक दिल का लगाना

इक बार भुलाना चाहा था
सौ बार वो हमको याद आया
इक बार भुलाना चाहा था
सौ बार वो हमको याद आया
इक भूलने वाले को हमने
सौ बार भुला के देख लिया
इक भूलने वाले को हमने
सौ बार भुला के देख लिया

इक दिल का लगाना

अब तक तो समझ में आ न सका
इस दिल की तमन्नाएं क्या हैं
अब तक तो समझ में आ न सका
इस दिल की तमन्नाएं क्या हैं
सौ बार
सौ बार हँसा के देख लिया
सौ बार रुला के देख लिया
सौ बार हँसा के देख लिया
सौ बार रुला के देख लिया

इक दिल का लगाना बाक़ी था
सो दिल भी लगा के देख लिया
इक दिल का लगाना
....................................................................
Ek dil ka lagana-Anokha Pyar 1948

Artist: Nargis

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Aug 21, 2016

आ इंतज़ार है तेरा-बड़ी माँ १९४५

सन १९४५ को गुज़रे ६१ साल हो गए लेकिन उस युग के
गीत सुनो तो अब भी ताजे लगते हैं. आइये आज सुनें
नूरजहाँ का गाया हुआ एक मधुर गीत जिसे जिया सरहदी
ने लिखा और दत्ता कोरगाँवकर ने संगीत से संवारा.

फिल्म का नाम है बड़ी माँ जिसमें ईश्वरलाल और नूरजहाँ
की प्रमुख भूमिकाएं हैं. ये फिल्म वर्ष १९४५ की टॉप पांच
फिल्मों में से एक है. फिल्म गीतों से भरपूर है और इसमें
१० गीत हैं.



गीत के बोल:

आ इंतज़ार है तेरा
दिल बेक़रार है मेरा
आ इंतज़ार है तेरा
दिल बेक़रार है मेरा

आ जा न सता और
आ जा न रुला और
आ जा न सता और
आ जा न रुला और

आ जा कि तू ही है मेरी उम्मीद का तारा
उम्मीद का तारा
उम्मीद का तारा
आ जा कि तू ही है मेरी उम्मीद का तारा
संगम मेरी ख़ुशियों का निगाहों का सहारा
संगम मेरी ख़ुशियों का निगाहों का सहारा

आ इंतज़ार है तेरा
दिल बेक़रार है मेरा

आ कर मेरी जागी हुई रातों को सुला दे
खो जाऊँ
खो जाऊँ मुझे ऐसा कोई गीत सुना दे
आ इंतज़ार है तेरा
दिल बेक़रार है मेरा
आ जा आ जा

अब और सितम
अब और सितम हम से उठाए नहीं जाते
उठाए नहीं जाते
और राज़ मोहब्बत के
और राज़ मोहब्बत के छुपाए नहीं जाते
छुपाये नहीं जाते

आ इंतज़ार है तेरा
दिल बेक़रार है मेरा
दिल बेक़रार है मेरा
…………………………………………………….
Aa intazar hai tera-Badi Maa 1945

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Nov 28, 2010

एक झूठी सी तसल्ली-शीशम १९५२

जब माहौल छाया गीत वाला बन ही गया है तो आइये सुनें
फिल्म शीशम से मुकेश का गाया एक बढ़िया गीत। गीत
लिखा है ज़िया सरहदी ने और इसकी धुन बनाई है रोशन ने।
फिल्म में नासिर खान और नूतन प्रमुख कलाकार हैं। बहुत
सरल सा गीत है और एक ही धारा में चलता जाता है।




गीत के बोल:

एक झूठी सी तसल्ली वो मुझे दे के चले
मेरा दिल ले के चले
एक झूठी सी तसल्ली वो मुझे दे के चले
मेरा दिल ले के चले

तेरे वादों के सहारे पे जिए जायेंगे हम
सहते जायेंगे सितम
तेरे वादों के सहारे पे जिए जायेंगे हम
सहते जायेंगे सितम
सहते जायेंगे सितम

राज़ ये तेरे सिवा और कोई जान ना ले
मेरा दिल ले के चले

एक झूठी सी तसल्ली

अपने बीमार को वो देखने आये थे मगर
थी ना कुछ दिल कि खाबर
अपने बीमार को वो देखने आये थे मगर
थी ना कुछ दिल कि खाबर
थी ना कुछ दिल कि खाबर

बुझा जायेंगे दिया उनसे जलाये ना जले
मेरा दिल ले के चले

एक झूठी सी तसल्ली वो मुझे दे के चले
मेरा दिल ले के चले

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Nov 22, 2010

नदी किनारे बैठ के आओ-जागीरदार १९३७

हिंदी सिनेमा के प्रथम दौर से एक गीत चुना है आज आपके लिए।
फिल्म का नाम है जागीरदार । सन १९३७ की इस फिल्म का निर्देशन
महबूब खान (मदर इंडिया फेम)ने किया था।

अभिनेता मोतीलाल और अभिनेत्री माया बनर्जी ने ये गीत गाया है
और इस पर अभिनय भी किया है। अफ़सोस, इसकी विडियो क्लिप
उपलब्ध नहीं है दर्शन हेतु। मोतीलाल अपनी कातिल मुस्कराहट
के लिए विख्यात थे।

गीत जिया सरहदी ने लिखा और इस गीत को स्वरों में बांधा है
अनिल बिश्वास ने। बतौर संगीतकार अनिल बिश्वास के लिए ये
पहली बड़ी हिट फिल्म थी।

आज के दौर में अगर आप किसी से कहेंगे 'नदी किनारे बैठ के आओ'
तो वो आपको टेडी नज़र से देखेगा-कारण-लगभग सभी नदी के
किनारे जनता ने आबाद कर दिए हैं और सुबह के नित्य कर्म से
लेकर शाम के नित्य कर्म तक सब कुछ होता है किनारे पर।
कुछ ही नदियाँ आबादी क्षेत्र में जनता के कहर से बची हुई हैं।

गीत की कुछ पंक्तियाँ इटालिक फॉण्ट में हैं उनपर नज़र डालें। मुझे
बोल कुछ गड़बड़ लगते हैं। ज्यादा बारीक कान वाले कृपया सहायता
करें।





गीत के बोल:

नदी किनारे बैठ के आओ
फिर से जी बहलायें
नदी किनारे बैठ के आओ
फिर से जी बहलायें

चुल्लू भर भर पानी के बूँदें
चुल्लू भर भर पानी के बूँदें
लो भर भर बरसायें

नदी किनारे बैठ के आओ
फिर से जी बहलायें
नदी किनारे बैठ के आओ
फिर से जी बहलायें

सुख बन जब बन के राजा
सुख बन जब बन के राजा
पवन जाग उजाली
पवन जाग उजाली
मिल जुल कर फिर बन में हम तुम
मिल जुल कर फिर बन में हम तुम
अपना राज चलायें
अपना राज चलायें

नदी किनारे बैठ के आओ
फिर से जी बहलायें
नदी किनारे बैठ के आओ
फिर से जी बहलायें

कागज़ की एक नाव बना कर
जल में उसे चलायें
कागज़ की एक नाव बना कर
जल में उसे चलायें
दुनिया की तस्वीर बना कर
दुनिया की तस्वीर बना कर
दुनिया को दिखलायें
दुनिया को दिखलायें

नदी किनारे बैठ के आओ
फिर से जी बहलायें

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