Mar 29, 2015

माय री-फिर धूम २०००

फिल्म संगीत के संक्रमण काल में हमें तरह तरह की ध्वनियाँ
सुनाई दीं. कुछ हमें अच्छी लगी, कुछ बुरी. कुछ ने हमारा ध्यान
आकृष्ट किया तो कुछ ने भटकाया और कन्फ्यूज भी किया.

इंडी-पॉप नाम का एक प्रकार अस्तित्व में आया ९० के दशक में.
इसके फलने फूलने की वजह नए टी वी चैनलों का आविष्कार होना
भी रहा. दिखने के लिए सास बहू के सीरियल के अलावा भी तो
मसाला चाहिए न. फ़िल्में तो खैर प्रमुख हिस्सा रहा ही चैनलों
का शुरू से. अलग से म्युज़िक चैनल भी शुरू हुए जिसमें सर्वप्रथम
एम् टी वी था. उसके बाद आया चैनल वी. ई टी सी नामक एक
चैनल पूर्णतः भारतीय गीतों को समर्पित था. इस चैनल के बहाने
मुझे कई गायकों और कलाकारों को सुनने देखने का मौका लगा.
इंडी-पॉप के शुरुआत वैसे तो दूरदर्शन कर चुका था. श्रेय देने के
मामले में हम दूरदर्शन को भुला देते हैं अक्सर ये कह कर कि वो
पहला चैनल था उसने तो ये काम शुरू करना ही था. एक फर्क ज़रूर
था उस समय जो आज भी बरकरार है-दूरदर्शन मर्यादा में रह कर
ही प्रस्तुतियाँ देता रहा है.

आख्यान लंबा हो चला है अतः आज के गीत पर थोड़ी टोर्च घुमा दी
जाए. प्रस्तुत गीत पलाश सेन का प्रसिद्ध ‘माय री’ जिसे ‘माई री’ भी
बोला जाता है. सही शब्द पलाश सेन को ही मालूम होंगे, क्या हैं.

इसका वीडियो/ऑडियो ज़बरदस्त हिट हुआ था सन २००० में जब ये
रिलीज़ हुआ था. पलाश सेन के बैंड का नाम है-यूफोरिया. जिस अल्बम
में ये गीत रिलीज़ हुआ था उसका नाम है-फिर धूम. इसके पहले निकले
एल्बम ‘धूम’ को काफी सराहना मिली थी.

अब आपको ये भी बता दिया जाए जो मोहतरमा इस वीडियो में दिखाई
दे रही हैं उनका नाम रिमी सेन है जिन्हें आगे चल के हंगामा(२००४)
फिल्म में नायिका का रोल मिला. रिमी सेन कोका कोला के विज्ञापन में
आमिर के साथ आ चुकी हैं.




गीत के बोल:

तेरियां  मेरियां, भुल गया
भुल गया हार ते जीत
हे माये की करणा मैं जीत नू
होवे ना जे मीत
होवे ना जे मीत

बिंदिया लगाती तो
कांपती थी पलकें माय री
चुन्निया सजा के वो
देती वादे कल के माय री
मेरे हाथों में था उसका हाथ
थी चाशनी सी हर उसकी बात
माय री आप ही हँस दी
माय री आप ही रोंदी
माय री याद वो याद वो आये री
गल्ला कर दी
माय री अक्खां नाल लड़ दी
माय री याद वो याद वो आये री
हे माय री

बारिशों में लिपट के माँ, आती थी वो चल के मायरी
देरियां हो जाए तो रोती हलके हलके माय री
फिर से मैं रोऊँ, फिर वो गाये
ठंडी हवाएं बन के छाये
माय री हीर ओ गांदी,मायरी गिद्दे ओ पौंदी
माय री याद वो, याद वो आये री
जन्नतां लंगदी, मायरी मन्नतां मंगदी
माय री याद वो, याद वो आये री

अब क्या करूं कासे से कहूं, ए माय री
अब क्या करूं कासे से कहूं, ए माय री
ओ दुनिया पराई छोड़ के आ  जा
झूठे सारे नाते  तोड़ के आ  जा
सौं रब दी तुझे एक वारी आ  जा
अब के मिले तो होंगे ना जुदा
ना जुदा, ना जुदा
हाँ, होंठते आये, कोई ते ले आये
माय री याद वो, याद वो आये री

गल्ला कर दी
माय री अक्खां नाल लड़ दी
माय री याद वो याद वो आये री


भुल गयी मेरा पार
माये बस लगे महीने चार
माय री याद वो याद वो आये री

याद वो  माय री याद वो आई
माय री याद वो याद वो आई री

अब क्या करूं, कासे कहूँ, ऐ माय री
अब क्या करूं, कासे कहूँ, ऐ माय री
................................................................
Mae Ri-Phir Dhoom 2000

2 comments:

कॉपी पेस्ट,  February 7, 2018 at 10:25 PM  

सोचा धन्यवाद दे ही दूं

ब्लॉग चुरा के मंगल ग्रह को,  February 7, 2018 at 10:34 PM  

म्हारा भी ले ल्यो

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