नैन दीवाने-अफसर १९५०
सचिंद देव बर्मन को मैंने कुछ ५० के दशक के गीतों से पहचानना शुरू
किया था । फिल्म अफसर का ये गीत मुझे उनका प्रशंसक बनाने के लिए
थोडा सा जिम्मेदार है। फिल्म अफसर का ये गीत आज ६० साल बाद भी
सुनने में वही आनंद देता है। विविध भारती ने इसको रेडियो सीलोन
से ज्यादा बजाया ऐसा मेरा अनुमान है। अफसर फिल्म में देव आनंद
और सुरैया की जोड़ी ने काम किया था। फिल्म के निर्देशक चेतन आनंद
थे। निकोलोई गोगोल की कहानी पर आधारित इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस
पर कोई झंडे नहीं गाड़े। गोगोल का नाम ऐसे याद आया कि सलमान खान
अभिनीत नयी फिल्म वीर भी उन्ही के एक उपन्यास पर आधारित है।
गीत लिखा है पंडित नरेन्द्र शर्मा ने और इसे गा रही हैं सुरैया। सुरैया को
हम पहली स्टार गायिका अभिनेत्री कह सकते हैं। उनका चेहरा और आवाज़
समान रूप से मोहित करने वाले थे।
गीत के बोल:
नैना दीवाने
नैना दीवाने, एक नहीं माने
करे मनमानी, माने ना
नैना दीवाने
हुए ये पराये मन हार आये
मन का मर्म जाने ना
माने ना, माने ना
नैना दीवाने, एक नहीं माने
करे मनमानी, माने ना
नैना दीवाने
जाना ना जाना मन ही ना जाना
चितवन का मन बनता निशाना
कैसा निशाना, कैसा निशाना
मन ही पहचाने ना
माने ना, माने ना
नैना दीवाने, एक नहीं माने
करे मनमानी, माने ना
नैना दीवाने
जीवन बेली करे अठखेली
जीवन बेली करे अठखेली
महके मन के बकुल
प्रीति फूल फूले, झूला झूले
चहके बन बुलबुल
महके मन के बकुल
मन क्या जाने क्या होगा कल
धार समय की बहती पल पल
जीवन चंचल,जीवन चंचल
दिन जा के फिर आने ना
माने ना, माने ना
नैना दीवाने, एक नहीं माने
करे मनमानी, माने ना
नैना दीवाने
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