भोर सुहानी आई-बेक़सूर १९५०
फिल्म बेक़सूर १९५० की एक हिट फिल्म थी। निर्देशक के. अमरनाथ ने
अपने निर्देशन के सफ़र में कई संगीतकारों को अवसर दिया । बेक़सूर
फिल्म में हंसराज बहल और अनिल बिश्वास का संगीत है । वैसे संगीतकार
चुनने के निर्णय में निर्माता का दखल भी होता है मगर ज्यादातर निर्देशक की ही
पसंद देखने को मिलती है। कभी कभी किसी कारणवश कोई संगीतकार फिल्म छोड़
देता है और उसके संगीतबद्ध किये गीत फिल्म में शामिल कर लिए जाते हैं। ऐसा
कुछ फिल्मों में देखने को मिलता था पहले। मतभेद एक बड़ी वजह हुआ करती थी।
अजीत और मधुबाला की जोड़ी से सजी इस फिल्म में कई कर्णप्रिय गीत हैं। आइये
एक लता मंगेशकर का गाया गीत सुना जाए।
गीत के बोल:
आई भोर सुहानी
भोर सुहानी आई,
आई, भोर सुहानी आई
भोर सुहानी आई
जागी आशा
जागी आशा, और मुस्काई
आई, भोर सुहानी
भोर सुहानी आई
आई, भोर सुहानी आई
रातों के वो मीठे सपने
सुख जीवन का बन गये अपने
रातों के वो मीठे सपने
सुख जीवन का बन गये अपने
कामनाओं ने करवट बदली
कामनाओं ने करवट बदली
ले कर फिर अंगड़ाई
आई भोर सुहानी
भोर सुहानी आई
आई भोर सुहानी आई
मन की उमंगें बड़ी दीवानी
बड़ी दीवानी
राजा देखें और ना रानी
राजा देखें और ना रानी
मन की उमंगें बड़ी दीवानी
बड़ी दीवानी
खेल बनाया जीना मरना
खेल बनाया जीना मरना
करके प्रेम सगाई
आई भोर सुहानी
भोर सुहानी आई
आई भोर सुहानी आई
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