Jan 24, 2015

धुआँ धुआँ- फ़गली २०१४

बॉलीवुड नयी नयी प्रतिभाओं को रोज़गार देने में लगा हुआ है
आजकल. उसकी एक वजह ये भी है कि नामचीन कलाकारों
के फीस ज्यादा होती है. उनकी जगह कम खर्चीले कलाकारों
को लेकर बजट कम किया जा सकता है. इसी सिलसिले में
हमें कई नए चेहरे सुनाई और दिखाई देने लगे हैं. नए गीत
लिखने वाले, नए संगीत देने वाले आ गए हैं. एक बात अच्छी
है इससे प्रतियोगिता की भावना भी बढती है. दूसरा पहलू ये
कि कई एक जैसे दिखाई देने वाले, सुनाई देने वाले मिल जाते
हैं, जिनमें अंतर करना मुश्किल होता है. 


अगली शब्द का मतलब तो मालूम है, मगर ये फगली क्या
होता है मुझे बताएं. प्रस्तुत गीत अर्शिया नाहिद ने लिखा है
और इसकी धुन बनाई है प्रशांत वुडियार ने. गीत गाया है
अरिजीत सिंह और पावनी पांडे ने.




गीत के बोल:

धुआँ धुआँ सी है ज़िंदगी
धुंधला सा है ख्वाब कहीं
खो गयी जाने कहाँ वो खुशी
दिखती नहीं है रोशनी
कैसे दिन थे और कैसी थी वो रातें
जब करते थे हम सपनों से ही बातें
गुम हो गयी है वो हँसी..

ना किनारा, ना सहारा
जाने कहाँ मैं जा रहा
चलते चलते राह पर क्यूं
रुक सी गयी है ज़िन्दगी
धुआँ धुआँ सी...

यारी का ऐसा असर था
ना कोई फिकर, ना डर था
ज़िंदादिली से जीते थे हम
अब वक़्त हमसे खफा है
जीने की अब ना वजह है
ये कैसा तूफान आ गया
छुप छुप के रोने मैं लगा
धुआँ धुआँ सी...
.........................................................
Dhuan Dhuan –Fugly 2014

5 comments:

CL Khor,  March 11, 2018 at 10:52 PM  

Video gone dear

Jhunjhune,  March 11, 2018 at 10:59 PM  

I can see it

Jhunjhune,  March 13, 2018 at 5:10 PM  

I see you see we see

Geetsangeet March 14, 2018 at 7:18 PM  

ये क्या हो रहा है(टीकू तलसानिया स्टाईल)
मुझे फिल्म १-२-३- का आईसीयूसी बैंक याद
आ रहा है.

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