Mar 2, 2015

दो नैना मतवारे तिहारे-पंकज मलिक

आपको फिल्म माय सिस्टर का गीत सुनवाया था सहगल की
आवाज़ में. आज सुनते हैं यही गीत पंकज मलिक की आवाज़ में.
ऐसे कई गीत हैं जिनका संगीत पंकज मलिक ने तैयार किया
और सहगल के गाये हुए हैं, वे पंकज मलिक ने भी खुद गाये हैं.
दोनों को सुनने का अलग आनंद है. हमारे एक मित्र जो शंकर
जयकिशन के अनन्य भक्त हैं उनका मानना है कि सहगल की
आवाज़  शत प्रतिशत नाक से आया करती थी, इसलिए वे
पंकज मलिक के गाने सुनना पसंद करते हैं. अब सबकी अपनी
अपनी समझ और कान हैं. आजकल के संगीत समीक्षक भी कुछ
ऐसा ही कहते पाए जाते हैं और उस समय की गायकी को वे
"नैसल सिंगिंग" कहा करते हैं.

सहगल की महानता के तो स्वयं पंकज मलिक कायल थे. उन्होंने
अपनी सर्वश्रेष्ठ धुनें उनको दीं. चूंकि संगीतकार सर्वश्रेष्ठ धुन को
स्वयं भी गाना पसंद करता है, उन्होंने खुद भी वही गीत गा
कर अपनी इच्छा पूर्ति की. सचिन देव बर्मन ने भी कई ऐसे गीत
जो उन्होंने बांगला में पहले गाये थे, बाद में लता से गवाए. इस
प्रकार के सभी गीत अतिरिक्त आनंद देने वाले गीत हैं.



गीत के बोल:

दो नैना मतवारे तिहारे
हम पर ज़ुल्म करें

नैनों  में रहें तो सुध बुध खोएं
छिपें तो चैन हरें

दो नैना मतवारे तिहारे
हम पर ज़ुल्म करें


तन तन के चलाये तीर
नस नस में उठाये पीड
मदभरे रसीले निठुर बड़े

दो नैना मतवारे तिहारे
हम पर ज़ुल्म करें
......................................
Do naina matware tihare-Pankaj Mullick(non film)

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