Mar 3, 2015

लोग तो मरकर जलते होंगे-गौरी १९६८

गीतकार राजेंद्र कृष्ण ने कई अमर गीत दिए हैं हिंदी फिल्म
संगीत को. उनकी हर विषय पर पकड़ थी चाहे वो रोमांटिक
गीत हो, उपदेशात्मक गीत हो, भजन हो या कव्वाली हो. फिल्म
गौरी के लिए उन्होंने एक नायब गीत लिखा जिसे मोहम्मद रफ़ी
ने बहुत संजीदगी से गाया है. पिछली पोस्ट में हमने जिक्र किया
था संगीतकार अपनी विशेष और सर्वश्रेष्ठ धुन खुद भी गाने की
तमन्ना रखता है. आपको आज दोनों गीत सुनवाते हैं रफ़ी की
आवाज़ वाला और संगीतकार रविशंकर शर्मा द्वारा खुद गाया हुआ.
ये एक दर्द भरा गीत है और इसके बोल थोडा झंझोड़ने वाले हैं.

गीत बैकग्राउंड में बज रहा है और जिस कलाकार ने इस पर
अभिनय किया है वो हैं हिंदी सिनेमा के सर्वश्रेष्ठ नायकों में से
एक-संजीव कुमार. तिल तिल मरना और पल पल मरना इन
शब्दों के अर्थ आप इस गीत में ढूंढ सकते हैं.


१) रफ़ी का गाया गीत




२) संगीतकार रवि की आवाज़ में यही गीत



गीत के बोल:

गंगा भी बह रही है
चिताओं के साथ
शोले भी चल रहे हैं
हवाओं के साथ
शोले भी चल रहे हैं
हवाओं के साथ

लोग तो मरकर जलते होंगे
मैं जीते जी जलता हूँ
लोग तो मरकर जलते होंगे
मैं जीते जी जलता हूँ
आँख में सपने फूलों के
और अंगारों पर चलता हूँ

लोग तो मरकर जलते होंगे
मैं जीते जी जलता हूँ

सूरज तो दिन भर चल चल कर
शाम को थक कर ढल जाता है
सूरज तो दिन भर चल चल कर
शाम को थक कर ढल जाता है
मैं वो सूरज हूँ जो निकल कर
पल भर में ही ढलता हूँ

लोग तो मरकर जलते होंगे
मैं जीते जी जलता हूँ
आँख में सपने फूलों के
और अंगारों पर चलता हूँ
लोग तो मरकर जलते होंगे
मैं जीते जी जलता हूँ
मर कर वापस कौन आया है
मैं मर कर वापस आया
मर कर वापस कौन आया है
मैं मर कर वापस आया
जब ये जीना रास न आया
फिर मरने को चलता हूँ

लोग तो मरकर जलते होंगे
मैं जीते जी जलता हूँ
आँख में सपने फूलों के
और अंगारों पर चलता हूँ

लोग तो मरकर जलते होंगे
मैं जीते जी जलता हूँ
लोग तो मरकर जलते होंगे
मैं जीते जी जलता हूँ.
......................................................................
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2 comments:

sanjeevkumarfan,  January 21, 2018 at 7:44 PM  

Good song

Geetsangeet January 30, 2018 at 10:32 PM  

बेशक, मगर, संगीतकार की आवाज़ वाला दुर्लभ है.

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