एक दिन तेरी राहों में–नकाब २००७
में फिल्मों के किरदार बिछड जाया करते थे कुछ वैसे ही
कुछ गीत अलग अलग लोगों द्वारा बनाये गए भाई-भाई
या बहन-बहन जैसे सुनाई देते हैं.
प्रस्तुत गीत फिल्म नकाब से है जो मुझे “कहो न कहो”
गीत का बिछुड़ा भाई जैसा सुनाई देता है. ये भी हो सकता
है उम्र की वजह से मेरे कान पक गए हों और मुझे कुछ
गलत-फहमी हो रही हो.
गीत समीर ने लिखा है जिसकी धुन बनाई प्रीतम चक्रवर्ती
ने. इसे गाया है जावेद अली ने. इसे आज कल के रेडियो
चैनल काफ़ी बजाया करते हैं चाहे फरमाईश आये न आये..
इसे अक्षय खन्ना और उर्वशी शर्मा पर फिल्माया गया है
बिना नकाब पहनाए. जो गरीब इस गीत में गिटार बजा
रहा है और गा रहा है उसका नाम मुझे नहीं मालूम.
गीत के बोल:
एक दिन, एक दिन तेरी राहों में
बाहों में, पनाहों में आऊँगा
खो जाऊँगा, एक दिन तेरा हो जाऊँगा
एक दिन, एक दिन तेरी राहों में
बाहों में, पनाहों में आऊँगा
खो जाऊँगा, एक दिन तेरा हो जाऊँगा
ये दिल तो ना कह सका ये बातें
दिल तो ना कह सका
ये दिल तो ना कह सका ये बातें
दिल तो ना कह सका
तू जाने ना तू, चाहत मेरी कितनी बेताब है
तू जाने ना तू, चाहत मेरी कितनी बेताब है
वो जो, बरसों मेरी पलकों में था, तू वही ख्वाब है
हर घड़ी, हर घड़ी तेरी यादों में
वादों में इरादों में, आऊँगा, खा जाऊँगा
एक दिन तेरा हो जाऊँगा
ये दिल तो ना कह सका ये बातें
दिल तो ना कह सका
ये दिल तो ना कह सका ये बातें
दिल तो ना कह सका
ये झुकती नज़र जान-ए-जिगर होश ले जाती है
वो वो ओ, ये झुकती नज़र जान-ए-जिगर होश ले जाती है
मैं कैसे कहूँ, इक अजनबी दर्द दे जाती है
चुपके से, चुपके से तेरी नींदों में
ख्वाबों में ख्यालों में, छाऊँगा, खो जाऊँगा
एक दिन तेरा हो जाऊँगा
एक दिन, एक दिन तेरी राहों में
बाहों में पनाहों में, आऊँगा
खो जाऊँगा, एक दिन तेरा हो जाऊँगा
ये दिल तो ना कह सका ये बातें
दिल तो ना कह सका
ये दिल तो ना कह सका ये बातें
दिल तो ना कह सका
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Ek din teri rahon meon-Nakaab 2007
Artists-Akshay Khanna, Urvashi Sharma
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