अच्युतम केशवं-कृष्ण भजन
एक कृष्ण भजन.
भजन में सारी भावनाएं उड़ेल दी गयी हैं. बहुत सुन्दर भजन
है जिसका सार ये है भगवान भाव के भूखे हैं. हर क्रिया को
भगवान से जोड़ दो फिर देखो आनंद ही आनंद है. समर्पित
कर दो अपने आप को उसके चरणों में, बिना किन्तु परन्तु के.
निस्वार्थ भाव जब जगता है तब प्रभु की कृपा स्वतः प्राप्त होना
शुरू होती है.
भजन के बोल:
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
कौन कहता है भगवान आते नहीं
तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
कौन कहता है भगवान खाते नहीं
बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
कौन कहता है भगवान सोते नहीं
माँ यशोदा के जैसे सुलाते नहीं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
कौन कहता है भगवान नचाते नहीं
गोपियों की तरह तुम नचाते नहीं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
राम नारायणं जानकी वल्लभं
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Achutam Keshawam-Krishna Bhajan
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