हवाओं पे लिख दो-दो दूनी चार १९६८
‘एक’ और ‘दो’ पर हुए हैं नामों के मामले में. आपको एक पुरानी
फिल्म दो दूनी चार से एक गीत सुनवाते हैं. शेक्सपीयर की कहानी
कॉमेडी ऑफ एरर्स पर आधारित है इस फिल्म का कथानक. जुड़वे
के दो सेट हैं. किशोर कुमार और असित सेन ने ये किरदार निभाए
हैं.
प्रस्तुत गीत गुलज़ार का लिखा हुआ है और ये उनके प्रारंभिक गीतों
में से एक है. उन्मुक्त उपमाएं गीत की विशेषता है जो इस ओर भी
इशारा करती है कि आगे आने वाले समय में गुलज़ार किस तरह के
गीत लिखने वाले हैं. संगीत तैयार किया है हेमंत कुमार ने.
जीवंत गीत है और अलौकिकता के स्पर्श वाला भी. सकारात्मकता के
लिए ऐसे गीत बहुत ज़रूरी हैं जीवन में. चाहे आप इन्हें सुनें या फिर
गुनगुनाएं, इनका प्रभाव सामान रहता है, सुखदायी.
गीत के बोल:
हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
हम अनजान परदेसियों का सलाम
हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
ये किसके लिए है बता किसके नाम
ये किसके लिए है बता किसके नाम
ओ पंछी ये तेरा सुरीला सलाम
हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
शाख पर जब धूप आई हाथ छूने के लिये
छाँव छम से नीचे कूदी हँस के बोली आइये
यहाँ सुबह से खेला करती है शाम
हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
चुलबुला ये पानी अपनी राह बहना भूलकर
लेटे लेटे आइना चमका रहा है फूल पर
ये भोले से चेहरे हैं मासूम नाम
हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
हम अनजान परदेसियों का सलाम
हवाओं पे लिख दो हवाओं के नाम
...........................................................................
Hawaon pe likh do-Do dooni chaar 1968
Artist: Kishore Kumar
0 comments:
Post a Comment