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May 22, 2021

बम बबम बाबी-घर एक मंदिर १९८४

बम बम बबम और भुर्र. इन शब्दों का मेल आपको 
किशोर कुमार के गीतों में ही मिल सकता है. अब आप इस
पोस्ट  कोपढ़ के कुमार सानू के गीतों में इसे ना ढूँढने ना लग 
जाएँ.
 
हम तो इसको बॉबी के एक अलग वर्ज़न की तरह सुनते हैं.
गीत का वीडियो एक महाकंजूस कंपनी के पास है जो
एक दिन अपने साथ सारे गीतों के वीडियो ले के एक दिन 
भैंस कीतरह पोखर में उतर कर गुम हो जायेगी.  इसका 
केवल ऑडियो ही उपलब्ध है, इसी से काम चला लें.

इतना बतलाये देते हैं कि इसे मिथुन गा रहे हैं परदे पर और
गीत निकला है आनंद बक्षी की कलम से.


गीत के बोल:

ज़रूरत हो तो बतलायें, हम यहाँ

चिपका देंगे
...................................................................

Bam babam bobby-Ghar ek mandir 1984


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Aug 4, 2020

झिलमिल सितारों से नैना-अम्बर १९८५

आज जिन बॉलीवुड शख्सियतों का जन्मदिन है उनमें प्रमुख है
किशोर कुमार, गायिका शेरोन प्रभाकर और अभिनेत्री शशिकला.

आज हम आपको किशोर कुमार का एक रेयर गीत सुनवाते हैं.
इसे १५ साल पहले तक तो रेयर बोला जाता था तब तक यूट्यूब
का अविष्कार नहीं हुआ था.

गीत गौहर कानपुरी का है और संगीत सपन जगमोहन का. इस
गीत की धुन आप पहले एक गाने में सुन चुके हैं-गुस्ताखी माफ
फ़िल्म का गाना जिसे आशा भोंसले ने गाया है.





गीत के बोल:

झिलमिल सितारों से नैना
आधा हैं दिन आधी रैना
झिलमिल सितारों से नैना
आधा हैं दिन आधी रैना
मेरे लिए बोलो है ना
झिलमिल सितारों से नैना

रूप के ये उजाले हैं
रौशनी के ये शिवाले हैं
.
.
.
.

..........................................
Jhilmil sitaron se naina-Amber 1985

Artists: Prosenjit, Anuradha Patel

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Jul 23, 2020

जोगी ओ जोगी प्यार में-लाखों में एक १९७१

आज आपको सुनवाते हैं सन १९७१ की फिल्म लाखों में एक
से एक युगल गीत. किशोर और लता की आवाजों वाले इस
गाने की रचना आनंद बक्षी ने की है. पंचम की धुन है.

महमूद और राधा सलूजा पर इसे फ़िल्माया गया है. आज ही
के दिन २००४ में महमूद ने इस संसार को छोड़ दिया था.




गीत के बोल:


जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी
जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी


बन जायेंगी रातें फिर सपनों की बारातें
गुज़रेगा अब जीवन बस करते प्रेम की बातें
हमसे करो तुम ये वादा वादा तो ना तोड़ दोगी

जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी

चंदा तारे सोये ये मस्त नज़ारे सोये
रात का जादू छाया हम तुम बिन सारे सोये
कैसे हमें नींद आये हम दोनों हैं दिल के रोगी

जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी

फूलों की पायल हो और तारों का झूमर हो
प्रेम नगर में सैंया ए काश हमारा घर हो
घर की ज़रूरत नहीं है तुम मेरे दिल में रहोगी

जोगी ओ जोगी अरे प्यार में क्या होगा
हाय रे जोगी ओ जोगी प्यार में क्या होगा
हर दिन सुहाना होगा अच्छा हर रात सुहानी होगी
……………………………………………………………..
Jogi o jogi-Lakhon mein ek 1971

Artists: Mehmood, Radha Saluja

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Jul 21, 2020

तुमको भी तो ऐसा ही कुछ-आप आये बहार आई १९७१

आप आये(और वो) बाहर आई फिल्म से एक गीत सुनते हैं.
इसे लता मंगेशकर और किशोर कुमार ने गाया है. संगीत
तैयार किया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने.

अब आप पूछिए ये गीत हम आपको क्यूँ सुनवा रहे हैं?
आज २१ जुलाई, आनंद बक्षी का जन्मदिन है.

फ़िल्मी बारिश भी है गीत में. सुहाना मौसम है और
बाकी की इस गाने की केमिस्ट्री, फिज़िक्स, ज्योग्राफी,
जूलोजी, बोटनी, पोलिटिकल साइंस, आर्ट्स, फाइन आर्ट्स
सब उच्च स्टार पर हैं.

राजेंद्र कुमार पर फिल्माया गए और किशोर कुमार द्वारा
गाये गए गीत आप उँगलियों पर गिन सकते हैं.




गीत के बोल:

तुमको भी तो ऐसा ही कुछ होता होगा ओ सजना

कैसा कैसा
तेरी याद सताती है नींद नहीं आती है रातों में
ओ तेरी याद सताती है नींद नहीं आती है रातों में
तुमको भी तो ऐसा ही कुछ होता होगा ओ सजनी
कैसा.
तेरा प्यार सताता है चैन नहीं आता है रातों में
ओ तेरा प्याज सताता है चैन नहीं आता है रातों में
तुमको भी तो ऐसा ही कुछ होता होगा हा हा हा


मेरी हालत जैसी है तेरा हाल भी ऐसा है
मेरी हालत जैसी है तेरा हाल भी ऐसा है
हल्का हल्का सा जिया में जाने दर्द ये कैसा है

तुमको भी तो ऐसा ही कुछ होता होगा ओ सजनी
कैसा कैसा
तारे गिनता मैं रहता हूँ जागता रहता हूँ रातों में
ओ तारे गिनता मैं रहता हूँ जागता रहता हूँ रातों में

इन भीगी फ़िज़ाओं से इन ठंडी हवाओं से
इन भीगी फ़िज़ाओं से इन ठंडी हवाओं से
आग सी लगती है जिया में सावन की घटाओं से ...

तुमको भी तो ऐसा ही कुछ होता होगा ओ सजना
कैसा
इन्तज़ार तेरा करती हूँ आहें मैं भरती हूँ रातों में
ओ इन्तज़ार तेरा करती हूँ आहें मैं भरती हूँ रातों में


ये मस्त नज़र तेरी मेरे होश उड़ाती है
ये मस्त नज़र तेरी मेरे होश उड़ाती है
ये तेरी मस्ती मुझे भी मदहोश बनाती है.

तुमको भी तो ऐसा ही कुछ होता होगा ओ सजना
कैसा
रोज़ ख़्वाब में तू आता है दिल धड़काता है रातों में
रोज़ ख़्वाब में तू आता है दिल धड़काता है रातों में

तुमको भी तो ऐसा ही कुछ होता होगा
डैश डैश डैश अंडरस्टुड
………………………………………………………………
Tumko bhi to aisa hi kuchh-Aap aayr bahar aayi 1971

Artists: Rajendra Kumar, Sadhana

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Jul 19, 2020

अपने होंठों की बंसी बना ले मुझे-गैम्बलर १९७१

कई दिन से लॉग इन में दिक्कत आ रही है.

Device not recognized

का मेसेज आता है. क्या दूसरे ब्लोगर्स को भी ऐसी
कुछ दिक्कत आई? गूगल भाई बतलायेंगे उनको
क्या समस्या है?
............................................................................

आज कवि गोपालदास नीरज की पुण्यतिथि है. वे
हमसे दो साल पहले ही बिछड़े थे. कवी सम्मेलनों की
शान रहने वाले नीरज ने हिंदी फिल्मों के लिए सत्तर
के दशक में काफी गीत लिखे.

उनकी लेखनी का लोहा हिंदी फ़िल्मी गाने सुनने वाले
भी मानते हैं.

उनकी कलम से निकला एक युगल गीत सुनते हैं फिल्म
गैम्बलर से जो सन १९७१ की फिल्म है.

लता और किशोर के गाये इस गीत की धुन तैयार की
है सचिन देव बर्मन ने.





गीत के बोल:

अपने होंठों की बंसी बना ले मुझे
.
.
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.................................................................
Apne honthon ki bansi bana le-Gambler 1971

Artists: Dev Anand, Zahida



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Jul 18, 2020

संग मेरे निकले थे साजन-फिर वही रात १९८०

आज हम आपको ८० के दशक की एक सस्पेंस फिल्म से
मधुर युगल गीत सुनवाते हैं. इसे लता और किशोर ने
गाया है. मजरूह सुल्तानपुरी के बोल हैं और आर डी बर्मन
का संगीत. ये काफी लोकप्रिय गीत है और पंचमभक्तों का
पसंदीदा गीत है.

आज १८ जुलाई सुपरस्टार राजेश खन्ना की पुण्यतिथि है.
उनका मूल नाम जतिन खन्ना है, मगर फ़िल्मी दुनिया में
जो नाम एक बार जुड़ जाता है, सितारे उसी से पहचाने
जाते हैं.

आज एक और जतिन-टी वी के प्रसिद्ध कॉमेडियन और
गुजराती मूल के जतिन कनकिया की भी पुण्यतिथि है.
९० के दशक में चर्चित चेहरा रहे कनकिया कम उम्र में
दुनिया को अलविदा कह गए. श्रीमान श्रीमती उनका बेहद
लोकप्रिय धारावाहिक रहा जो डी डी मेट्रो पर आया करता
था.

सुनते हैं राजेश खन्ना और किम पर फिल्माया गया ये
गीत.




.गीत के बोल:

संग मेरे निकले थे साजन
हार बैठे थोड़ी ही दूर चल के.
.
.
.
……………………………………………………
Sang mere nikle the sajan-Phir wahi raat 1980

Artists: Rajesh Khanna, Kim

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Jul 17, 2020

दिल का साथी है जब दिल-सलाम मेमसाब १९७९

हिंदी सिनेमा ने अपने पैदा होने के बाद से अभी तक कई
शानदार अभिनेत्रियों को देखा है. सिनेमा जगत उसे याद
रखता है जो चर्चा में हो मगर ढेरों ऐसे दर्शक हैं जो अच्छे
कलाकारों को याद रखते हैं, दौर कोई भी हो.

हमने आपको १० साल पहले असरानी निर्देशित एक फिल्म
सलाम मेमसाब से एक लता का गाया गीत सुनवाया था.
आज सुनते हैं उस गीत का खुशनुमा तर्ज़ुमा जिसे गाया
है किशोर कुमार ने. गीत असरानी और ज़रीना वहाब पर
फिल्माया गया है. गीत में एक लाईन लगता है भूपेंद्र की
आवाज़ में है. बाकी कोरस है.

आज नायिका ज़रीना वहाब का जन्मदिन है जिसकी उन्हें
ढेरों शुभकामनाएं. ज़रीना वहाब की पहली हिंदी फिल्म है
देव आनंद निर्देशित इश्क इश्क इश्क. बतौर प्रमुख नायिका
वे १९७६ की बासु चटर्जी निर्देशित हिट फिल्म चितचोर में
दिखाई दीं. उसके बाद एक लंबा सफल कैरियर है उनका
जिसमें हिंदी, तमिल, तेलुगु और मलयालम भाषा की फ़िल्में
हैं.

पुरस्कारों से शिकायत मुझे भी है. ज़रीना वहाब को किसी
भी भाषा के सिनेमा पुरस्कारों ने पुरस्कार के लायक नहीं
समझा? फिल्म इतिहास की सबसे संजीदा अभिनेत्रियों में
से एक ज़रीना वहाब अभिनय के मामले में समकालीनों से
काफी आगे दिखलाई देती हैं.

सुनते हैं गीत जिसे मजरूह सुल्तानपुरी ने लिखा है.



गीत के बोल:

दिल का साथी है जब दिल
कैसा रास्ता क्या मंजिल
याद आया, गाओ मेमसाब

दिल का साथी है जब दिल
कैसा रास्ता क्या मंजिल
चल पडो तो रास्ता है
ठहर जाओ तो मंजिल
रंग ये नजारों का रूप ये दिलदारों का
जो नज़ारा है देखो चूम लेने के काबिल
हो ओ आओ लुटे मज़े शाम है बहार की
क्या हो थोडा सा, हाँ
क्या हो थोडा सा हमें भी अगर देख लो
ओ जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
अरे सोचिये मत गाइए गाइए

हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
ये बात हुई ना, वंडरफुल
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
हम भी राहों में खड़े हैं यार इधर देख लो
जानेमन प्यार से एक नज़र देख लो
…………………………………………………
Dil ka sathi hai jab dil-Salaam memsaab 1979

Artists: Asrani, Zarina Wahab

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Jul 11, 2020

अपनों में मैं बेगाना-बेगाना १९८६

बॉलीवुड में आज भी कई लोगों का जन्मदिन है. इनमें से
के हैं कुमार गौरव. कुमार गौरव ने फिल्म लव स्टोरी से
धमाकेदार एंट्री की थी बॉलीवुड में. उसके बाद कुछ और
समय तक वे अपने जलवे दिखाते रहे मगर किस्मत का
कहना कुछ और था और प्रसिद्धि और पैसा उन्हें नहीं मिला.

आज सुनते हैं सन १९८६ की फिल्म बेगाना से किशोर कुमार
का गाया एक बढ़िया गीत जिसे अनजान ने लिखा है और
धुन अन्नू मलिक ने तैयार की है. फिल्म का निर्देशन किया
है अम्बरीश संगल ने.



 
गीत के बोल:

नादाँ नासमझ पागल दीवाना
सबको अपना माना तूने
मगर ये न जाना

मतलबी हैं लोग यहाँ पर मतलबी ज़माना
सोचा साया साथ देगा निकला वो बेगाना
बेगाना बेगाना
अपनों में मैं बेगाना बेगाना

खुशियां चुरा के गुज़रे वो दिन
कांटे छुपा के बिछड़े वो दिन
आँखों से आँसू बहने लगे
बहते ये आंसू कहने लगे
ये क्या हुआ ये क्यों हुआ
कैसे हुआ मैंने न जाना

मतलबी हैं लोग यहाँ पर मतलबी ज़माना
सोचा साया साथ देगा निकला वो बेगाना
बेगाना बेगाना
अपनों में मैं बेगाना बेगाना

ज़िन्दा है लाशें मुर्दा ज़मीं है
जीने के काबिल दुनिया नहीं है
दुनिया को ठोकर क्यूं न लगा दूं
खुद अपनी हस्ती क्यूं न मिटा दूं
जी के यहाँ जी भर गया
दिल अब तो मरने का ढूंढे बहाना

मतलबी हैं लोग यहाँ पर मतलबी ज़माना
सोचा साया साथ देगा निकला वो बेगाना
बेगाना बेगाना
अपनों में मैं बेगाना
.................................................................
Apnon mein main begana-Titlesong 1986

Artist: Kumar Gaurav

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Jul 8, 2020

जीना क्या अजी प्यार बिना-धन दौलत १९८०

आज ८ जुलाई अभिनेत्री नीतू सिंह का जन्मदिन है. इस
अवसर पर सुनते हैं फिल्म धन दौलत से एक गीत. इस
फिल्म में उनके साथ ऋषि कपूर ने काम किया था.

जीवन विडंबनाओं का नाम है जिसमें अजीब मोड और
पेचीदा स्तिथियाँ सामने आती रहती है. इस साल हमें
बॉलीवुड से काफी दुखद ख़बरें मिलीं. जीवन मरण का ये
चक्र दुनिया में सभी जगह निरंतर जारी है मगर जिस
हिस्से को कवरेज ज़्यादा मिलता है वहाँ से हमें ज़्यादा
ख़बरें सुनाई और दिखलाई देती हैं.

आज फिल्म की अभिनेत्री का जन्मदिन है और फिल्म
धन दौलत के निर्देशक हरीश शाह ७ जुलाई को अलविदा
कह गए थे. निर्माता हरीश शाह की बतौर निर्देशक पहली
फिल्म थी-धन दौलत. नामचीन लोगों के जन्मदिन हमें
याद रह जाते हैं मगर कम सुने नामों की सुध लेने वाले
मीडिया में गिने चुने लोग ही हैं.

गीत लिखा है मजरूह सुल्तानपुरी ने और इसकी तर्ज़
बनाई है आर डी बर्मन ने. इसे गाया है किशोर कुमार और
आशा भोंसले ने.




गीत के बोल:

जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
धन दौलत बिना चले मगर
ज़िन्दगी ना चले यार बिना
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके और बजे पायल भी

जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
धन दौलत बिना चले मगर
ज़िन्दगी ना चले यार बिना
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी
जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना

सपने पूरे हुए आज दिन फिरते नहीं देरी
सुन ओ मेरे हसीं आज एक तू ही नहीं
साडी दुनिया है मेरी
सपने पूरे हुए आज दिन फिरते नहीं देरी
सुन ओ मेरे हसीं आज एक तू ही नहीं
सारी दुनिया है मेरी
हाँ मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी

जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
धन दौलत बिना चले मगर
ज़िन्दगी ना चले यार बिना

सोने चांदी का वो दिल क्या
जो न दिल के काम आये
यहाँ तो तेरी कसम प्यार वालों में सनम
अपना पहला नाम आये
सोने चांदी का वो दिल क्या
जो न दिल के काम आये
यहाँ तो तेरी कसम प्यार वालों में सनम
अपना पहला नाम आये
मिली दुनिया तो मजा है के मिले दिल भी
बिंदिया भी चमके तो बजे पायल भी

जीना क्या अजी प्यार बिना
जीवन के यही चार दिना
धन दौलत बिना चले मगर
ज़िन्दगी ना चले यार बिना
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
………………………………………….
Jeena kay aji pyar bina-Dhan daulat 1980

Artists: Rishi Kapoor, Neetu Singh

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Jun 30, 2020

हम तुझ पर ही शैदा-आज का दौर १९८५

जैकी श्रॉफ़ का कोई गीत देखे कई दिन हो गए हैं. आज
सुनते और देखते हैं फिल्म आज का दौर से एक गाना
जिसे उनके अलावा पद्मिनी कोल्हापुरे पर फिल्माया गया
है.

गाने के बोल इन्दीवर के हैं और संगीत बप्पी लहरी का.
इसे आशा भोंसले और किशोर कुमार ने गाया है.

फैशन तो फैशन है. एक दुबले पतले आदमी को आप एक
बड़ी सी शर्ट पहना दो और नायिका को तंग कपडे, वाह रे
निर्देशक.. बाद में गीत में इसे सुधारा गया है और प्रपोर्शन
का ध्यान रखा गया है.

गीत में एक सुन्दर सा प्राणी, थोड़ी देर को ही सही दिखाई
देता है मानो उससे पूछा जा रहा हो-अब कपडे ठीक हैं?




गीत के बोल:

फिर वही बात
आप सुनते नहीं हैं गीत को
ढंग से.
………………………………………………
Ham tujh par hi shaida hue-Aaj ka daur 1985

Artists: Jackie Shroff, Padmini Kolhapure

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Jun 29, 2020

देखो वीर जवानों-आक्रमण १९७५

हम आप कितने सुरक्षित हैं और चैन की नींद सोते हैं ये
सीमा पर तैनात हमारे जांबाज़ सैनिक सुनिश्चित करते हैं.
हम आप तय नहीं कर सकते और ना ही हमें ये प्रिविलेज
है. ये एक शाश्वत सत्य है जिसे देश के हर एक नागरिक
को स्वीकारना चाहिए. धर्म, पैसे, उंच-नीच का इससे कोई
लेना देना नहीं है.

जो बचकाने लोग आजकल सोशल मीडिया पर रक्षा जैसे
मामलों पर सवाल खड़े करते हैं उन्हें अपने स्कूल-कॉलेज
के विषयों के बारे में ढंग से नहीं मालूम होगा, मगर बोलेंगे
ज़रूर. देखा देखी. कुछ मूर्खों और वाचालों द्वारा ये ट्रेंड शुरू
किया गया और उसे अंधाधुंध लोगों ने क्षण भर की प्रसिद्धि
के लिए और लाईक्स के लिए आँख मूँद कर अपना लिया.

संवेदनशील मसलों पर कुछ पूछने से पहले अपने आप की
औकात का आकलन बहुत आवश्यक है. अगर आप इस देश
के जिम्मेदार नागरिक हैं, देश के संसाधनों का सम्मान करते
हैं, सरकार द्वारा समय समय पर किये गए आवश्यक निवेदनों
और निर्देशों को समझ कर सहयोग करते हैं, व्यवस्था बनाये
रखते हैं, अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रह कर कुछ सार्थक
करते हैं, अपने अधिकारों की बात कर्तव्यों के बाद सोचते हैं,
दूसरों को अनावश्यक कष्ट नहीं देते हैं तो आपको अपने देश
के रक्षकों में पूर्ण विश्वास है.

बाकी लोगों की बात करना व्यर्थ है जो अपने मूर्खतापूर्ण प्रश्न
के जवाब में उम्मीद लगाये बैठे रहते हैं. सरकार आएगी और
उन्हें बतलायेगी कि उनकी छत पर चिड़िया ने बीट क्यूँ की.
कुछ काम नहीं है अगर तो सोशल मीडिया पर हगने से बेहतर
है घर में झाड़ू पोंछा ही लगा लो. मोबाइल ना हुआ बन्दर के
हाथ में उस्तरे जैसा हो गया. जिसे देखो वो अपना ऑनियन
जैसा ओपिनियान देने बैठा हुआ है.

कई युवाओं को देखा है फ्लर्ट और रोमांस के लिए सोशल
मीडिया पर अवतरित होते हैं और जबरन दूसरे मसलों में
कूद पड़ते हैं बिना विषय की जानकारी के. ये केवल अपनी
उपस्थिति दर्ज कराने के लिए होता है. जागरुकता का अर्थ
सिर्फ इतना नहीं है कि अपनी भां भां की, गुड मॉर्निंग और
गुड नाईट बोला और हो लिए फुर्र. जागरूकता केवल भाषण
देने का नाम भी नहीं है. आपके सार्थक विचारों और कार्यों
से कोई बदलाव आ रहा है तो वो है जागरूकता.

एक गीत सुनते हैं फिल्म आक्रमण से जो देश में रह रहे
नागरिकों को संबोधित है. आनंद बक्षी रचित ये गीत गाया
है किशोर कुमार ने और धुन तैयार की है लक्ष्मी प्यारे ने.




गीत के बोल:

इसे सुन लें बोल तो हम
आपको दे ही देंगे.
…………………………………………….
Dekho veer jawanon-Aakraman 1975

Artists: Rajesh Khanna, Sanjeev Kumar

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Jun 16, 2020

आओ मेरे पास और आओ-कौन कैसे १९८३

आज मशहूर कलाकार मिथुन चक्रवर्ती का जन्मदिन है.
८० के दशक के चर्चित और जनता के सबसे पसंदीदा
कलाकारों में से एक हैं मिथुन. आज भी उनकी फ़िल्में
उसी चाव से देखी जाती हैं. काफी बड़ा प्रशंसक वर्ग है
उनका जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों के लोग ज्यादा हैं.

१६ जून १९५० में जन्में मिथुन की शुरुआत फिल्म जगत
में काफी धमाकेदार रही और भगवती चरण पाणिग्रही की
कहानी शिकार पर आधारित फिल्म मृगया के लिए उन्हें
फिल्मों के राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस
फिल्म का निर्माण के राजेश्वर राव ने किये और निर्देशन
मृणाल सेन ने.

मिथुन ने ३५० से ऊपर फिल्मों में काम किया है और
उनकी पहली उल्लेखनीय फिल्म थी १९७८ की मेरा रक्षक.
मिथुन ने दीपक बाहरी के साथ कुछ सफल फ़िल्में की थीं.
इनमें से एक है राजश्री निर्मित तराना जिसने अपने समय
में कई शहरों में सिल्वर जुबलियाँ मनाने का रिकॉर्ड बनाया
था.

आज आपको सुनवाते हैं जासूसी फिल्म कौन कैसे से एक
गाना. गुलशन बावरा लिखित इस गीत की धुन तैयार की
है आर डी बर्मन ने और इसे किशोर कुमार ने गाया है.
गौरतलब है मिथुन पर फिल्माए गये और किशोर कुमार
द्वारा गाये गये सभी गीत लगभग लोकप्रिय हैं.

कौन कैसे का निर्देशन अनिल गांगुली ने किया है और हम
इस फिल्म को केवल कोरा कागज़, तपस्या, संकोच, तृष्णा,
खानदान जैसी फिल्मों के फैन होने की वजह से देखने गये
थे. फिल्म ने हमें निराश नहीं किया. अनिल गांगुली की
फिल्मों का संगीत पक्ष हमें काफ़ी मजबूत लगा.

प्रस्तुत गीत दीपक पाराशर पर फिल्माया गया है. इसे परदे
पर किसी ने नहीं गाया है मगर इस गाने के भावों से उस
दृश्य की मांग की पूर्ति बखूबी हो जाती है.





गीत के बोल:

आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ

जबसे देखा है तुम्हें
पूछो न क्या हाल हुआ
हाय जाने जाना
जबसे देखा है तुम्हें
पूछो न क्या हाल हुआ
हाय जाने जाना
पहली नजर में ही
तुमने तो लूट लिया
हाय जाने जाना
ये शोखियाँ ले ले न जां

आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हूँ हूँ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ

दिन ये जवानी के हैं
फिर ऐसे दिन हसीं
कभी कभी आयें
दिन ये जवानी के हैं
फिर ऐसे दिन हसीं
कभी कभी आयें
होता है जो हो जाने दे
देखो जी ये पल कहीं
यूं न चले जायें
आज का समा फिर मिले कहाँ

आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ हो ओ
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
यही है प्यार का समा
दर्द है जवां
आओ मेरे पास और आओ
न घबराओ न शरमाओ
……………………………………………………..
Aao mere paas aur aao-Kaun kaise 1983

Artists: Deepak parashar, A girl

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Jun 8, 2020

आ सपनों की रानी-तीन बहूरानियाँ १९६८

आज काफी सारी बॉलीवुड कलाकारों का जन्मदिन हैं उनमें
से प्रमुख हैं डिम्पल कपाडिया और शिल्पा शेट्टी, डिम्पल को
तो सोशल मीडिया पर खूब याद किया गया, शिल्पा शेट्टी को
भी उनके फैन्स ने याद किया मगर इक्का दुक्का जगहों पर
ही हास्य कलाकार राजेन्द्रनाथ का जिक्र है.

१९३१ में पेशावर में जन्मे राजेन्द्रनाथ मल्होत्रा फिल्मों में आने
से पहले नाट्य मंच से जुड़े. उन्हें शशधर मुखर्जी की फिल्म
दिल दे के देखो से संभवतः अपने फ़िल्मी कैरियर के उल्लेखनीय
सफ़र शुरुआत की थी.

उसके पहले वे हम सब चोर हैं फिल्म में एक छोटी सी भूमिका
में नज़र आये थे. कुछ जगह उल्लेख मिलता है कि उन्होंने १९३८
की फिल्म वचन में काम किया था. तथ्य शायद ये बतलाते हैं
कि ४० के दशक के उत्तरार्ध में प्रेमनाथ बम्बई आये उसके बाद
राजेन्द्रनाथ का आगमन हुआ मायानगरी में.

ढेर सारी फिल्मों के अलावा वे हम पांच सीरियल में नज़र आये
थे. मनोज कुमार की फिल्म पूरब और पश्चिम में वे हास्य से
अलग सामान्य सहायक कलाकार की भूमिका में थे जो दर्शकों
के लिए एक आश्चर्य जैसा था उस वक्त.

आपको पहले मेला फिल्म से राजेन्द्रनाथ पर फिल्माया गुआ एक
गाना सुनवा चुके हैं. आज सुनते हैं सन १९६८ की एक फिल्म
तीन बहुरानियाँ से उन पर फिल्माया गया गाना. उनके साथ हैं
शशिकला.

आनंद बक्षी का गीत है और कल्याणजी आनंदजी का संगीत जिसे
किशोर कुमार और आशा भोंसले ने गाया है.



गीत के बोल:

आ सपनों की रानी
आ आ आ सपनों की रानी
नाचे गायें हम तुम लहराये हम तुम
मुस्कुराये हम तुम
आजा बम चिक बम चिक बम चिक
बम चिक बम चिक बम बम

आ सपनों के राजा
आ आ आ सपनों के राजा
नाचे गायें हम तुम लहराये हम तुम
मुस्कुराये हम तुम
आजा बम चिक बम चिक बम चिक
बम चिक बम चिक बम बम

आ जा कर के इशारा हाँ
इशारा इशारा इशारा
मैंने तुझको पुकारा ओ हो
पुकारा पुकारा पुकारा
दिर दिर ताना दिर दिर ताना
जलता है तो जले ज़माना
तुम ता ना ना तुम ता ना ना
तिरकिट धा तिरकिट धा

आ आ आ सपनों की रानी
आ आ आ सपनों के राजा
नाचे गायें हम तुम लहराये हम तुम
मुस्कुराये हम तुम
आजा बम चिक बम चिक बम चिक
बम चिक बम चिक बम बम
………………………………………………………
Aa sapnon ki rani-Teen bahuraniyan 1968

Artists: Rajendranath, Shashikala

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Apr 19, 2020

पुकारो मुझे फिर पुकारो-बुनियाद १९७२

टेलिविज़न के सोप ऑपेरा बुनियाद के बहुत पहले सन १९७२
में एक फिल्म आई थी-बुनियाद. फिल्म का नाम बहुत कम
दर्शकों को याद है. साल भर में इतनी फ़िल्में आती हैं-क्या
देखें और क्या ना देखें ये समस्या पहले भी थी और अब भी
है. अब तो सास बहू के ड्रामे के अलावा वेब सीरीज़ का भी
सरदर्द है.

यही हाल रहा तो थोड़े दिन में डबलरोटी और पिज़ा के ऊपर
भी फ़िल्मी सितारे ठुमके लगाते दिखलाई देंगे. लॉक डाउन
में भी अपना चेहरा और शरीर जनता को दिखलाने का लोभ
संवरण नहीं हो पा रहा है कईयों से. चड्डी बनियान और
पजामा पजामी में आड़े टेड़े स्टेप्स दिखा दिखा के जनता को
लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. इनमें से कुछ ही हैं जो आम
जनता की मदद के लिए आगे आये हैं और कुछ सार्थक कर
रहे हैं.

मीडिया की चों चों भौं भौं का सरदर्द, एक ही टॉपिक पर दिन
भर घिसा हुआ रिकॉर्ड बजाते न्यूज़ एंकर. इन सबसे फुर्सत
मिल तो सोशल मीडिया का सरदर्द. पहले सरदर्द लिमिट में
था तो सिर्फ एक सेरिडान और सरदर्द से आराम मिल जाता
था. अब तो पूरा दवाई का पत्ता खाने का समय आ गया है.

सुनते हैं आनंद बक्षी का लिखा हुआ गीत जिसकी धुन तैयार
की है लक्ष्मी प्यारे ने है और इसे गाया है किशोर कुमार संग
लता मंगेशकर ने.



गीत के बोल:

हो ओ ओ ओ ओ हो ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
पुकारो मुझे फिर पुकारो
पुकारो मुझे फिर पुकारो
मेरे दिल के आईने में ज़ुल्फ़ें आज सँवारो
पुकारो मुझे फिर पुकारो
पुकारो मुझे फिर पुकारो
मेरी ज़ुल्फ़ों के साये में आज की रात गुज़ारो
पुकारो मुझे फिर पुकारो

गुलशन में ऐसी छाँव ऐसी धूप नहीं
गुलशन में ऐसी छाँव ऐसी धूप नहीं
कलियों में ऐसा रंग ऐसा रूप नहीं
जो भी मेरे यार सा फूल कोई ले के आओ बहारों
पुकारो मुझे फिर पुकारो

चाँदनी की इस अँधेरे में ज़रूरत नहीं
चाँदनी की इस अँधेरे में ज़रूरत नहीं
कुछ सोचें कुछ देखें हमको फ़ुरसत नहीं
जाओ कहीं जा के छुप जाओ आज की रात सितारों
पुकारो

अपने ख़्वाबों की जो दुनिया बसायेंगे हम
अपने ख़्वाबों की जो दुनिया बसायेंगे हम
आसमानों से भी आगे निकल जायेंगे हम
साथ हमारे तुम चलना ए रंगीन नज़ारो

पुकारो मुझे फिर पुकारो
पुकारो मुझे फिर पुकारो……………………………………………………..
Pukaro mujhe phir pukaro-Buniyad 1972

Artists:

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Apr 13, 2020

सोचा था मैंने तो ए जान मेरी-चांदी सोना १९७७

यकीनन, मोती बहुमूल्य और नायाब रत्न है. सीपियों के
गर्भ में नवजात शिशु की तरह पले मोती की चमक के
आगे सब रत्न फ़ीके हैं. इसमें कुदरती चमक होती है.
मोती को चमकाने के लिये किसी ग्राइंडर पर घिसने की
ज़रूरत नहीं होती.

कवियों और शायरों ने इसे ऊंचा दर्ज़ा दिया है उसकी
एक वजह है जो ऊपर हमने बतलाई और दूसरी ये है
कि गहरे पानी में से इसे निकालना टेढ़ी खीर है.

अब तो तकनीकि और संसाधन बहुतेरे हो गए हैं जिनकी
मदद से नदी और समुद्र की गहराई की थाह ली जा
सकती है मगर कई ऐसे हिस्से बाकी हैं अभी भी इस
पृथ्वी के जहाँ तक मानव की पहुँच नहीं है. ये ना हो
तो ही अच्छा है. ना जाने क्या प्राकृतिक विपदा निकल
आये उसके दुस्साहस के कारण.

किशोर कुमार और आशा भोंसले का गाया हुआ युगल
गीत सुनते हैं फिल्म चांदी सोना से. आशिक़ अफ़सोस
जता रहा है अपनी मुफलिसी का. मुफलिसी पैसों की
ही नहीं, वरन संसाधनों और दिमाग की भी हुआ करती
है. वो इसमें तरह तरह की चीज़ें गिना रहा है जो वो
ला सकता है या कर सकता था. गीत में आशा भोंसले
की केवल एक पंक्ति है.

नायक की भावनाओं को मजरूह सुल्तानपुरी ने अपने गीत
की मदद दी है.  नायिका जो काफी देर से सेमी-कंफ्यूज्ड
से स्टेट में है अन्तरा शुरू होते ही उसकी चेतना लौटती
है और वो ये देख के खुश होती है-अले ये तो मेले फेव्लेट
राजेश खन्ना वाले अंदाज़ में अपना सर हिला रहा है.



गीत के बोल:

सोचा था मैंने तो ए जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी
पर कुछ ना तुझे दे सका
इक मजबूर दिल के सिवा

सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी
पर कुछ ना तुझे दे सका
इक मजबूर दिल के सिवा ओ

तड़पे दिल पलकों के पीछे कितने महल ख़्वाबों के लिये
तड़पे दिल पलकों के पीछे कितने महल ख़्वाबों के लिये
खिलते कभी तो महलों के दर जलते कभी अरमां के दिये
तू हंसती इक गुल की तरह मैं गाता बुलबुल की तरह

सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी ओ

कब चाहा पर्बत बन जाना देता है जो सदियों का पता
कब चाहा पर्बत बन जाना देता है जो सदियों का पता
चाहूं बस इक पल का तराना बन के किसी ग़ुन्चे की सदा
खिल जाता इक पल ही सही धूल का फिर आँचल ही सही

सोचा था मैंने तो ऐ जान मेरी
मोतियों से भर दूँगा माँग तेरी ओ

फिर भी इस जलते सीने में अब तो यही अरमान पले
फिर भी इस जलते सीने में अब तो यही अरमान पले
चाँदी के सोने के ख़ज़ाने रख दूँ तेरे क़दमों के तले
उठता है तूफ़ान उठे लुटती है तो जान लुटे

आ ओ जानेमन ............... नहीं
मैं तेरे साथ हूँ तो फिर....
……………………………………………….
Socha tha maine to ae jaan meri-Chandi Sona 1977

Artusts: Sanjay Khan, Parveen Babi

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Apr 7, 2020

जाने कैसे कब कहाँ-शक्ति १९८२

हिंदी फिल्म के निर्देशक को आप ऐसा वैसा ना समझें.
वो अपने कलाकरों का बहुत ख्याल रखता है. अब आप
सोच रहे होंगे-लेटलतीफी का ख्याल, फीस का ख्याल या
उनके नखरों का ख्याल.

अब चूंकि गाना महा-नायक वाला है अतः लेट होने वाला
तो सवाल ही नहीं है, और एक अनुशासित अभिनेत्री हैं
स्मिता पाटिल इस गीत में तो फिर ऐसा क्या है जो
हमने सवाल उठाया है?

वो बात है कलाकारों की सेहत का ख्याल. इस गीत में
निर्देशक ने जॉगिंग करवा दी है दोनों से. अब ये पुराना
शगल था जब कलाकारों से एक्टिंग ना बन रही तो उन्हें
दौडाते भगाते रहो. चेहरे के भावों की जगह फूल पत्ती
घास-फूस दिखाते रहो. एक्टिंग वाला मुद्दा यहाँ नहीं है.
निर्देशक केवल ये बतलाना चाहता है कि कहानी के पात्र
हेल्थ कांशस हैं.

सुनते हैं फिल्म शक्ति का गीत जिसे आनंद बक्षी ने लिखा
है. आर डी बर्मन इसके संगीतकार हैं. किशोर और लता
का गाया ये युगल गीत हमने काफी बार सुन लिया है, है
ना जी. अब इस गीत से १९९७ की एक फिल्म का टाइटल
भी निकल के आया जिसमें महानायक की बहू ने काम
किया है. है ना संयोग.



गीत के बोल:

जाने कैसे कब कहाँ इक़रार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया
जाने कैसे कब कहाँ इक़रार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया

गुलशन बनीं गलियां सभी
फूल बन गये कलियाँ सभी
गुलशन बनीं गलियां सभी
फूल बन गईं कलियाँ सभी
लगता है मेरा सेहरा तैयार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया

तुमने हमें बेबस किया
दिल ने हमें धोखा दिया
तुमने हमें बेबस किया
दिल ने हमें धोखा दिया
उफ तौबा जीना कितना दुश्वार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया

हम चुप रहे कुछ न कहा
कहने को क्या बाक़ी रहा
हम चुप रहे कुछ न कहा
कहने को क्या बाक़ी रहा
बस आँखों ही आँखों में इज़हार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया

जाने कैसे कब कहाँ इक़रार हो गया
हम सोचते ही रह गये और प्यार हो गया
…………………………………………
Jaane kaise kab kahan-Shakti 1982

Artists: Amitabh Bachchan, Smita Patil

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Apr 6, 2020

नज़र लगे ना साथियों-देस परदेस १९७८

ढेर सारे गायकों वाला एक गाना सुनते हैं. ये कव्वाली नहीं
है, सामान्य गाना है. इसे सुनते सुनते समय बीत गया मगर
बरसों बाद मालूम हुआ कि इस भीड़ में विजय बेनेडिक्ट की
आवाज़ भी है. विजय बेनेडिक्ट बप्पी लहरी के लिए काफ़ी
गीत गा चुके हैं डिस्को युग में.

सुनते हैं गीत जिसमें बाप-बेटा अर्थात किशोर कुमार और उनके
पुत्र संग मनहर की आवाजें हैं चौथी आवाज़ के बारे में हम
लिख ही चुके हैं ऊपर.

गीत अमित खन्ना का है और इसका संगीत तैयार किया है
राकेश रोशन के भाई और संगीतकार रोशनलाल नागरथ के
सुपुत्र राजेश रोशन ने.

इस ब्लॉग पर संगीत रसिकों के लिए ही हम चर्चा करते हैं.
हमारा उद्देश्य केवल गीत प्रेमियों और गाना गुनगुनाने के
शौकीनों के लिए बोल देना है. ये कोई फ्री सर्विस नहीं कि
यहाँ तमाम लिरिक्स वाली साइटें के मालिक आ कर कॉपी
कर के अपनी साइटों पर पेस्ट मार दें.





गीत के बोल:

अरे नज़र लगे ना.........
अरे हो ...... ओ ओ ओ ओ
आज भरी महफ़िल मे
रे कहीं डोल न जाये ...
............. गोरी मेमों का
अ ब ब .........
अरे नज़र लगे ना.........
अरे हो ओ ओ ................
आज भरी .................
रे कहीं ....... न जाये दिल
इन गोरी गोरी ..... का
अ ब ब .................

वहाँ मिले थे ..........हम तुम कुछ दिन पहले
यहाँ मिले ..... विष मयखाने में ...........
अरे हुक्का ..... पीते थे वहां बाँध के ...... पगड़ी
अरे कस के बूट ............. बात करें कोई तगड़ी
यादें वादे .............. भूली बातें याद करा दे
अरे भटके ..... अरे यूँ ही अटके ........हम लटके लटके
उल्टा चोर ........... डांटे ये पुराना दस्तूर हमने माना
हुर्र .......भरी महफ़िल मे
रे कहीं ........ जाये दिल
इन गोरी ...... मेमों का
........... ब ब ब ब ब
भुर्र

अरे सोच ......... आगे बढ़ना आग का ये एक दरिया
दिलवालों से मिलना हो तो ........ ... ज़रिया हो
वहाँ ...... साथी है यहाँ .....नया साँवरिया
वो ..... तो ये भी ठीक है अपना अपना नज़रिया
झूमर पायल बिंदिया ....... चुनरी है ना है आँचल
रोज़ बरस के ....... है ये अंग्रेज़ी ...... का बादल
अरे ........ के बीच में ..... साबुत बचा न कोय
ये क्यों होये

आज ..... महफ़िल मे
रे कहीं डोल ..... दिल
इन गोरी गोरी मेमों का
बल्ले .. बल्ले .गेंद गेंद

इक दिन ........... था अब किसको ... के आये
हम तो ...... बैठे अब तुम क्या खाने आये हो
..... करो ......खेतों की .... जहाँ .... के आये
अरे यहाँ तो पल पल ..... मारे दम भी ..... जाये
आओ आओ उन्हें ... सोये हुओं को .... जगाओ
डरते ...... हैं करते सौ बार बचे हैं...... मरते
अरे खाओ ...... मनाओ मौका फिर नहीं आना
ओ रे लाना
हे रे कहीं ...... जाये दिल
इन गोरी गोरी .........
ब ब ब ....................
अरे नज़र लगे ना साथियों
अरे हो ओ ओ ओ ओ ओ ओ
आज भरी ........ मे
रे कहीं ........ जाये दिल
इन ..... गोरी मेमों का
अ ब ब ब अ ब ब ब ..........
………………………………………………….
Nazar lage na sathiyon-Des Pardes 1978

Artists: Dev Anand, Tina Munim, Mehmood

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Apr 5, 2020

तू पी और जी-देस परदेस १९७८

७० के दशक से एक शराबी गीत सुनते हैं. इस बात का
क्रायटेरिया क्या है कि ये शराबी गीत ही है. तो जनाब
सयाने कहते हैं जिस गाने में शराब शब्द आ जाए वो
शराबी गीत हो जाता है. अब जो शराब-बंदी वाले गाने
हैं उनका क्या?

भांग और शराब पर तो गाने बने हैं मगर दूसरी चीज़ों
को एक नाम-चिलम में समेट दिया गया है.

सुनते हैं छोटे मुखड़े वाला ये गीत देस परदेस फिल्म से.
अमित खन्ना इसके रचनाकार हैं और राजेश रोशन ने
धुन तैयार की है. किशोर कुमार ने इसे गाया है.

शादी के मंडपों के बाहर लगने वाला वेलकम सरीखा
कुछ दारू की दुकान के उदघाटन के अवसर पर लगा
है. अतिथियों की आरती और टीका भी किया जा रहा है.
देव आनंद ने अपनी संस्कृति का काफी ख्याल रखा है
इस गीत में. अतिथि देवो भवः

गीत के शुरू और मध्य तक नायिका लदी फंदी दिखलाई
देती है और गीत के अंत में वो शराब के ड्रम में कपड़ों
की मंदी का शिकार बन जाती है. भीड़ भी छलकती हुई
शराब की बूंदें पा जाने के लिए बेसब्र हो जाती है.




गीत के बोल:

तू पी और जी
तू जी और पी

सरदी में जब पियोगे यारों
सरदी में जब पियोगे यारों गरम कोट बन जायेगा ये
आई गरमी तो मदिरा-जल ठंडक तुमको पहुँचायेगा
अरे रंग भरेगा सपनों में आँखों में जब ये बस जायेगा
मन को तेरे मीत तेरा बस यहीं कहीं पे मिल जायेगा
काहे को तू फिरे अकेला
अरे काहे को तू फिरे अकेला देख ज़रा मौजों का मेला
आ तू भी आ लहरा
अरे आओ ना अकेले कभी रहो ना अकेले कभी
अरे सभी ये ये कहे कवि
के ऊपर नीचे आगे पीछे छाई कैसी मस्ती
ज़रा पी और जी

ये गुजराती वो बंगाली
ये गुजराती वो बंगाली ये दिलवाला वो दिलवाली
मैं देसी हूँ तू परदेसी फिर भी धड़कन है एक जैसी
अरे ये मद्रासी वो पंजाबी हर ताले की है एक चाबी
प्यार के मारे सब बेचारे गोरे काले ये मतवाले
अरे वर्कर हो या मालिक मिल का
वर्कर हो या मालिक मिल का रात का प्यासा भूखा दिन का
आ तू आ ना घबरा
उधार ना चढ़ाओ कभी पैसे साथ लाओ अभी
अभी ये दुकान है खुली
के पहली पहली बिक्री मेरी बेचूँ मैं तो सस्ती
ज़रा पी और जी

घरवालों की याद सताये
घरवालों की याद सताये या आँखों में आँसू आये
हमको देखो घूँट हँसी के पी कर हम कैसे मुस्काये
हो हो हो हो हो हा हा हा हा हा
इसमें कितने राज़ छुपे हैं पूछो मेरे दिल से तुम
बैठे बैठे महफ़िल से होता है कैसे कोई गुम
अरे दुनिया सारी हिल जायेगी
दुनिया सारी हिल जायेगी फ़टी जेब भी सिल जायेगी
आ तू भी बन जा राजा
अरे लफ़ड़ा ना करो कभी झगड़ा ना करो कभी
भंगड़ा तो पाओ ज़रा जट जी
अरे बल्ले बल्ले बच के कहीं डूबे ना ये कश्ती
ज़रा पी और जी
कहता ये टोनी
हे हे कम ऑन मैडम हा हा
कम ऑन सिस्टर ये पकड़ा दो ब्रदर
ओये आनो ना सिस्टर
बोलो चीयर्स
…………………………………………………….
Too pee aur jee-Des Pardes 1978

Artists: Dev Anand, Tina Munim

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Mar 28, 2020

चोरी चोरी छुपे छुपे घर मेरे-सोने पे सुहागा १९८८

कभी कभी किसी कलाकार के एक्सप्रेशन किसी दूसरे कलाकार
की याद दिलाते हैं. किस गीत में कौन सा सिम्बल छुपा हो
मालूम नहीं.

बप्पी को जीतू भाई की फिल्मों के लिए काफी गाने कम्पोज़
करने का मौका मिला. कम्पोज़ से याद आया कि डि-कम्पोज़
इसकी बिलकुल उलट प्रक्रिया है. दिमाग का दही बनाना और
उसका रायता फैलाना दो अलग अलग चीज़ें हैं.

हम भटक गए क्या, कमिंग बैक टू द पॉइंट-गीत के शुरू में
जो मुद्राएँ बनाई गयी हैं वो जीतेंद्र और उनकी अभिनेत्रियों की
याद दिलाती हैं. फिर नायक लगाता है एक जोर का जंप.
जम्पिंग जैक की याद ताज़ा कराने के लिए. याद क्या दिलाना
जी वो तो इस फिल्म में मौजूद हैं.

इस ट्रिब्यूट पे बाद नायक अपनी दुनिया में वापस आ जाता है.
मैं लिखना चाहता था -अपनी औकात पे वापस आ जाता है.
एक तो पहले ही पाठकों की ठक ठक कम हो गयी है, ऐसे
आर्टिकल लिखने पे तो और दूर भागेंगे न जी.

ये क्या हुआ भई, दो पंक्ति गा के ही हीरोईन तो लेडी-पहलवान
दिखने लगी. कुछ देर तक तो सब ठीक ठाक है, उसके बाद
फैशन परेड का एक और दौर. लाल सफ़ेद के कॉम्बिनेशन में
कंगना ओए होए कंगना हो रहा है. मानते हो ना ऑरेंज बार
वैनीला फेनिला से कहीं ज्यादा बिकती है. अब ये तो बता दो
पहाड़ पे कुल्फी वाला चढा कैसे. जादू से ऑरेंज बार गुलाब का
फूल हो जाती है. यार कैसे करते हो हमें भी बतला दो नूडल्स
को समोसा बना लिया करें.

और एक और दौर नए फैशन का. कोरेओग्राफर या तो कोरिया
घूम के आया था गाने के पहले या फिर तीखा उसल-मिसल खा
के आया था. गाने को मनोरंजन के लिए ८/१० नंबर. वैसे मेरी
११/१० नंबर देने कि इच्छा है मगर हंग-मामा और वोई-कोई
जैसी साइटें हमेशा खडूस मास्टर की तरह कम नंबर देती हैं.
कम नंबर देने से पता चलता है कि मास्टरजी कितने स्ट्रिक्ट
हैं.

DNA(डेली न्यूसेंस एनालिसिस) में आज बस इतना ही. आपको
आज ये बतलाना है कि ये दोनों किस हिस्टोरिकल मोन्यूमेंट के
आस पास गाना गा रहे हैं.




गीत के बोल:


चोरी चोरी छुपे छुपे घर मेरे आना
भैया तेरा घर पे ना हो तब तू बुलाना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
रात को आती है तेरी याद कई बार
रात को आती है तेरी याद कई बार
नींद आये तो मेरे ख्वाबों में आना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना

मेरी पड़ोसन को बना लेना सहेली
कभी कभी मुझसे मिलने आना अकेली
मेरी पड़ोसन को बना लेना सहेली
कभी कभी मुझसे मिलने आना अकेली
तुझको देखते हैं तुझसे सोचते हैं हम
नींद में भी घर तेरे ले आयेंगे कदम
आऊँगी ऐसे ना कहीं जाऊँगी जाना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना

छुट्टी के दिन मुझसे मिलने घर पे ना आना
होंगे सभी घर पे मिलेगा ना बहाना
अच्छा
छुट्टी के दिन मुझसे मिलने घर पे ना आना
होंगे सभी घर पे मिलेगा ना बहाना
काम के दिन आऊँगा तब काम बनेगा
तुझसे जुड़े नाम तभी काम बनेगा
दम हो निभाने का तभी बात बढ़ाना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
ता ना ना तन्नना ता ना ना तन्नना
………………………………………………………
Chori chori chhupe chhupe-Sone pe suhaga 1988

Artists: Anil Kapoor, Kimi Katkar

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Mar 24, 2020

हम तुम जीत गए-लोक परलोक १९७९

फिल्म लोक परलोक से एक गीत सुनते हैं जो
जीत की खुशी में गाया जा रहा है. जीतेंद्र और
जया प्रदा के अलावा ढेर सहायक कलाकारों की
मेहनत से सजा ये गीत गाया है किशोर कुमार
और आशा भोंसले ने. आनंद बक्षी का लिखा गीत
है और अनुमान लगाये संगीतकार कौन है ?

लोक परलोक फिल्म का सबसे पहला गीत हमने
आपको दस साल पहले सुनवाया था जब लिरिक्स
वाले कुकुरमुत्ते इन्टरनेट पर नहीं उगे थे. उस गीत
की लिरिक्स सैकड़ों जगह चिपक गईं अगले ३-४
साल में ही. गौरतलब है वो गीत हमने सुनवाया
था नर्क चतुर्दशी के दिन. उस गीत का सम्बन्ध
उस तिथि के कर्ता धर्ता से भी है.

अंग्रेजी के नियमों से बंधे क्रालिंग के तरीके से
हिंदी की साइटों के साथ न्याय नहीं हो पाता. इस
मामले में मैं अपने पाठकों से सुझाव चाहूँगा कि
इस ब्लॉग पर क्या कुछ और गतिविधि जोड़ी जाये
जैसे यूट्यूब पर जानकारी वाले वीडियोज़.




गीत के बोल:

हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
खुले मैदान में हम बाज़ी मार गये
घुँघरू बज उठे नाच उठे झूम के हम
झ न न न न झ न न न न

हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
खुले मैदान में हम बाज़ी मार गये
घुँघरू बज उठे नाच उठे झूम के हम
झ न न न न झ न न न न
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये

दौलत नहीं काम आई चाहत ने जीती लड़ाई
दौलत नहीं काम आई चाहत ने जीती लड़ाई
धडकनों से दूर रहे हम बड़े मजबूर रहे
धडकनों से दूर रहे हो ओ हो ओ ओ ओ
अपना सर ना झुकाया हमने सहे लाखों सितम
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये

तू इस खुशी के बहाने मत छेड़ मुझको दीवाने
तू इस खुशी के बहाने मत छेड़ मुझको दीवाने
प्यार में तकरार ना कर आ हा आज तू इंकार ना कर हो हो
प्यार में तकरार ना कर आज तू इंकार ना कर
आँचल छोड़ मेरा देखते हैं लोग बलम
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये

चलती है तू ले के ठुमके आय
हाय हाय ठुमके आय ओये ओये ठुमके
छाये गज़ब तेरे झुमके ओये होए झुमके
कैसा बेईमान है तू फ़िर भी मेरी जान है तू
फ़िर भी मेरी जान है तू
तेरे दम से मेरी जिंदगी है तेरी कसम
झ न न न न
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
हम तुम जीत गए दुश्मन हार गये
………………………………………………………………..
Ham tum jeet gaye-Lok Parlok 1979

Artists: Jeetendra, Jaya Prada

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