ले लो जी हमारे गुब्बारे-बंदिश १९५५
ने किया है बासु चित्र मंदिर नामक संस्था के लिए. फिल्म में ढेर
सारे कलाकार हैं जैसे-अशोक कुमार, मीना कुमारी, प्रतिमा देवी,
सज्जन, डेज़ी ईरानी, शम्मी, इंदिरा, भानु बैनर्जी, बिपिन गुप्ता,
महमूद और नर्बदा शंकर और नासिर हुसैन
फिल्म में कलाकार भले ही बहुत हों फिल्म का कथानक एक बच्चे
के इर्द गिर्द घूमता है. ये बच्चा है डेज़ी ईरानी. डेज़ी ने फिल्म में
शानदार अभिनय किया है. सत्येन बोस की बतौर निर्देशक ये पहली
फिल्म है.
गीत लिखा है राजा मेहँदी अली खान ने. फिल्म में ३-४ गीतकारों
की सेवाएं ली गयी हैं.
गीत के बोल:
ले लो जी हमारे गुब्बारे प्यारे प्यारे
ये धरती के फूल गगन के हैं तारे
ओ मेरे नन्हे राजा इनको लेना मत भूल
इनकी पीठ पे बैठे तो ले जाएँ तुझे स्कूल
रबड़ के ये बच्चे ये तीनों के चच्चे
तेरे यार सच्चे न देवें ये गच्चे
ये इंसान से अच्छे हैं थोड़े से बच्चे
ये इंसान से अच्छे हैं थोड़े से बच्चे
करे ये इशारे के हम हैं तुम्हारे
ये धरती के फूल गगन के हैं तारे
प्रेम भरा एक खत लिख कर
बाँधो साजन के नाम
सबसे ऊंची खिडकी पर
पहुँचाना इनका काम
ये जाएँ चोरी चोरी कहें गोरी गोरी
ओ चन्दा की पोरी ओ नखरों की बोरी
बुलाता है कि छोरी चली आ चली आ चली आ
चली आ जोरा जोरी
ये खिडकी के नीचे तुम्हीं को पुकारे
ये खिडकी के नीचे तुम्हीं को पुकारे
हो ओ ओ ये खिडकी के नीचे तुम्हीं को पुकारे
ये धरती के फूल गगन के हैं तारे
बेचूं गुब्बारे द्वारे द्वारे
खून मैं सूखी रोटी
काले धंधे क्यूँ करून मैं
मुझे काफी एक लंगोटी
वतन के जो बंदे करें काले धंधे
करम इनके गंदे करें हाल मंदे
ये खा जाएँ चंदे बुरे हैं बुरे हैं
बुरे हैं इनके फंदे
ये जायेंगे मिल के जहन्नुम में सारे
ये जायेंगे मिल के जहन्नुम में सारे
ये धरती के फूल गगन के हैं तारे
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Le lo ji hamare gubbare-bandish 1955
Artists: Bhagwan, Ashok Kumar, Daisi Irani
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