सन सननन सांय सांय-बनारसी बाबू १९९८
सन सननन सांय सांय होने लगी हो. संगीत के प्रभाव
से कुछ भी संभव है. ८० के दशक के कुछ डिस्को सुन के
तो मुझे ज़रूर फायदा होता है. जब भारी खाना खा लेता
हूँ और कुछ दिक्कत होती है तब कुछ चुने हुए गीत सुन
लेता हूँ, मामला हल्का होने में आसानी हो जाती है. आज
के दौर के तो कुछ गीत इतने डीसेंट हैं कि उन्हें सुन के
डीसेंट्री तक हो जाती है.
चलिए आज आपको सांय सांय वाला गीत सुनवाते हैं जिसे
सुन के दिल गार्डन-गार्डन हो जाता है. ये एक सुपरहिट गीत
है फिल्म बनारसी बाबू से, गोविंदा वाली. एक इस नाम से
पुरानी फिल्म भी है जिसके नायक देव आनंद हैं.
आशा भोंसले ने जो स्थान रिक्त किया नयी पीढ़ी के लिए
उसे भर पाना किसी एक गायिका के बूते की बात नहीं.
आशा भोंसले के विशिष्ट किस्म के गीतों की भरपाई कुछ
हद तक पूर्णिमा ने करने की कोशिश की है. ये बात दीगर
है आशा भोंसले को गीत बहुत उम्दा कोटि के गाने को मिले.
जो उस समय के सामान्य गीत भी हैं उनके बोल आज के
गीतों से थोड़े बेहतर से लगते हैं, जाने क्यूँ ?
थोडा लग हट के गीत है ये और इसमें चेंज के लिए गेंहू का
खेत याद किया गया है. आखिर को हमारे यहाँ सबसे ज्यादा
गेहूं और चना ही उगाया जाता है.
गीत के बोल:
सन सनन सांय सांय, सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी रेत में
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी रेत में
हम दोनों बैठ गए गेहूं के खेत में
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी गांव में
सन सनन सांय सांय, सन सनन सांय सांय
तक ताना दिन करने लगे पीपल की छाँव में
सन सनन सांय सांय, सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी रेत में
सन सनन सांय सांय हो रही थी गांव में
बन के कमान कमर लचके दीवाने यार ज़रा बच के
ऐसे ना मार गोरी झटके मेरी अदा बड़ी हट के
बन के कमान कमर लचके दीवाने यार ज़रा बच के
ऐसे ना मार गोरी झटके मेरी अदा बड़ी हट के
कोई नशा है तेरी चाल में बुलबुल फंसी प्रेमी के जाल में
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी बाग में
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी बाग में
हम दोनों जलने लगे चाहत की आग में
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी रेत में
सन सनन सांय सांय हो रही थी गांव में
रानी कमाल तेरा कंगना हर वक्त कर ऐसे तंग ना
देखा कहीं ऐसा रंग ना आऊंगी मैं तेरे संग ना
रानी कमाल तेरा कंगना हर वक्त कर ऐसे तंग ना
देखा कहीं ऐसा रंग ना आऊंगी मैं तेरे संग ना
रास्ता गली चौबारा घूम ले आ के मेरे गालों को चूम ले
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी बस में
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी बस में
जादू सा जाग उठा मेरी नस नस में
सन सनन सांय सांय
सन सनन सांय सांय हो रही थी रेत में
सन सनन सांय सांय हो रही थी गांव में
सन सनन सांय सांय, सन सनन सांय सांय
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San sanan sain sain-Bnarasi babu 1998
Artists: Govinda, Ramya,
2 comments:
धन्यवाद
मेरा भी धन्यवाद
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