कितना दुःख भुलाया तुमने-गैर फ़िल्मी गीत
गीतों और गज़लों का दौर. इनके श्रोता भी कम नहीं हैं. कुछ
गीत तो लोकप्रियता के मामले में फ़िल्मी गीतों को बराबर
की टक्कर देते हैं.
आज सुनते हैं हेमंत कुमार का गाया एक गीत जिसे लिखा है
फैयाज हाशमी ने. इसकी धुन बनाई है कमाल दासगुप्ता ने
जिन्होंने काफी सारे लोकप्रिय गैर फ़िल्मी गीतों का निर्माण
किया. ये गीत हेमंत कुमार के गाये पहले पहल गीतों में से
एक है जो सर्वप्रथम ४० के दशक में रिलीज़ हुआ था.
गीत के बोल:
कितना दुःख भुलाया तुमने प्यारे
कितना दुःख भुलाया तुमने प्यारे
मेरे ज़ख्मी दिल पे रख कर अपना कोमल हाथ
मेरे ज़ख्मी दिल पे रख कर अपना कोमल हाथ
प्रीतम क्यों घबराये हो
प्रीतम क्यों घबराये हो बस पूछ के इतनी बात
सब दर्द मिटाया तुमने प्यारे
सब दर्द मिटाया तुमने प्यारे
अपनी बलखाई ज़ुल्फ़ें सीने पे मेरे बिछा के
अपनी बलखाई ज़ुल्फ़ें सीने पे मेरे बिछा के
अपनी गुलाबी होंठों को
अपनी गुलाबी होंठों को मेरे होंठों से मिला के
अमृत रस पिलाया तुमने प्यारे
अमृत रस पिलाया तुमने प्यारे
हम तुम चुप बैठे हैं
हम तुम चुप बैठे हैं दिल कहता है किस्से दिल के
चुरा लिया है होश हमारा
चुरा लिया है होश हमारा चार आँखों ने मिल के
किस्मत को जगाया तुमने प्यारे
किस्मत को जगाया तुमने प्यारे
कितना दुःख भुलाया तुमने प्यारे
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Kitna dukh bhulaya tumne-Non film song
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