आग लग जाए कहीं पर-अकेला १९९१
क्यूँ ना हो. अब आग आगे लगे या पीछे, दिल में लगे या दिमाग
में धुंआ सब जगह से उठता है.
अकेला शब्द भाषा का काफी पुराना शब्द है और थकेला, पकेला,
हठेला इत्यादि बाद में प्रकट हुए. ये बाद में प्रकट हुए शब्द मुंबई
की लोकल भाषा में काफी प्रयोग होते हैं. हर शब्द में केला अवश्य
है. केला कितना महत्वपूर्ण फल है जिसके सहारे इतने सारे शब्द बन
गए.
गीत फिल्माया गया है अमिताभ, जैकी और मीनाक्षी शेषाद्री पर.
मोहम्मद अज़ीज़, मनहर और अलका याग्निक ने इस गाया है.
आनंद बक्षी, लक्ष्मी प्यारे क्रमशः गीतकार और संगीतकार हैं.
गीत के बोल:
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
उड़ जाती है खबर इश्क़ हो जाये अगर
उड़ जाती है खबर इश्क़ हो जाये अगर
इश्क़ हो जाये अगर तो कहां छुपता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
उड़ जाती है खबर इश्क़ हो जाये अगर
उड़ जाती है खबर इश्क़ हो जाये अगर
इश्क़ हो जाये अगर तो कहां छुपता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
जब सामने वो आ जाए तो
जब सामने वो आ जाए तो
ये ये साँस ज़रा रुक जाती है
ये साँस ज़रा रुक जाती है
ये आँख ज़रा झुक जाती है
बेसबब यूं ही ये सर ऐसे कहां झुकता है
बेसबब यूं ही ये सर ऐसे कहां झुकता है
उड़ जाती है खबर इश्क़ हो जाये अगर
उड़ जाती है खबर इश्क़ हो जाये अगर
इश्क़ हो जाये अगर तो कहां छुपता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
इस इश्क़ की क्या तारीफ़ करूं
दिल का इक अरमान है ये
इस इश्क़ की क्या तारीफ़ करूं
दिल का इक अरमान है ये
अरमान नहीं तूफ़ान है ये
रोकने से भी ये तूफ़ान कहां रुकता है
रोकने से भी ये तूफ़ान कहां रुकता है
उड़ जाती है खबर इश्क़ हो जाये अगर
उड़ जाती है खबर इश्क़ हो जाये अगर
इश्क़ हो जाये अगर तो कहां छुपता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
आग लग जाए कहीं पर तो धुआं उठता है
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Aag lag jaaye kahin–Akela 1991
Artists: Amitabh Bachchan, Jackie Shroff, Meenakshi Sheshadri
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