ये रातें ये मौसम ये हँसना-पंकज मलिक गैर फ़िल्मी गीत
गीत. एक ७८ आर पी एम् का ज़माना था. क्या है ये ७८ ?
ये चकरी की स्पीड है घूमने की, एक मिनट में ७८ बार. लाख
से बने एल पी रेकोर्ड इसी गति पर घूमा करते थे. बाद में
३३ १/३, ४५ आर पी एम् पर घूमने वाली और प्लास्टिक से
बनी चक्रियां भी आईं. पुराने ग्रामोफोन आज भी कई लोगों के
पास चालू हालत में हैं.
प्राचीन युग के दो कलाकार सहगल और पंकज मलिक हैं जिनके
गैर फ़िल्मी गीत भी काफी लोकप्रिय हैं. इनके साथ आप के सी
डे का नाम भी ले सकते हैं.
गीत के बोल:
ये रातें
ये रातें ये मौसम ये हँसना हँसाना
ये रातें
मुझे भूल जाना
इन्हें ना भुलाना
भुलाना भुलाना
ये रातें
ये बहकी निगाहें
ये बहकी निगाहें ये बहकी अदाएँ
ये बहकी निगाहें ये बहकी अदाएँ
ये आँखों के काजल में डूबी घटाएँ
फ़िज़ा के
फ़िज़ा के लबों पर
फ़िज़ा के
फ़िज़ा के लबों पर ये चुप का फ़साना
मुझे भूल जाना
इन्हें ना भुलाना
भुलाना भुलाना
ये रातें
चमन में
चमन में जो मिल के बनी है कहानी
हमारी मुहब्बत तुम्हारी जवानी
चमन में
ये दो गर्म साँसों का इक साथ आना
ये बदली का चलना ये बूंदों की रुमझुम
ये बदली का चलना ये बूंदों की रुमझुम
ये मस्ती का आलम ये खोए से हम तुम
तुम्हारा तुम्हारा मेरे साथ ये गुनगुनाना
मुझे भूल जाना इन्हें ना भुलाना
भुलाना भुलाना
ये रातें
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Ye ratein ye mausam ye hansna hansana-Pankaj Mullick
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