आ जा रे आ ज़रा-लव इन टोक्यो १९६६
है. फिल्म लव इन टोक्यो का ये गीत इसी वजह से
मुझे काफी पसंद है.
इस शानदार गीत में वाद्य यंत्र भी काफी खुश से बज
रहे हैं. हसरत जयपुरी का लिखा गीत शंकर जयकिशन
ने संगीत में बाँधा है.
नायिका नायिका की ये जोड़ी परफेक्ट मैच लगती है.
नायक से दूर दूर भागती नायिका आखिर उसके चंगुल
में आ ही जाती है, बारिश में भीगने के बाद.
गीत के बोल:
ये ज़िन्दगी की महफ़िल
महफ़िल में हम अकेले
दामन को कोई चूमे
ज़ुल्फ़ों से कोई खेले
आ जा रे आ ज़रा
लहरा के आ ज़रा
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा
लहरा के आ ज़रा
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा
देख फ़िज़ा में रंग भरा है
मेरे जिगर का ज़ख़्म हरा है
देख फ़िज़ा में रंग भरा है
मेरे जिगर का ज़ख़्म हरा है
सीने से मेरे सर को लगा दे
हाथों में तेरे दिल की दवा है
आ जा रे आ ज़रा
लहरा के आ ज़रा
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा
अपना सुलगना किसको दिखाऊँ
साँस के तूफ़ाँ कैसे छुपाऊँ
अपना सुलगना किसको दिखाऊँ
साँस के तूफ़ाँ कैसे छुपाऊँ
आँखें क्या क्या देख रही हैं
दिल पे जो गुज़री कैसे बताऊँ
आ जा रे आ ज़रा
लहरा के आ ज़रा
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा
तेरे भी दिल में आग लगी है
मेरे भी दिल में आग लगी है
तेरे भी दिल में आग लगी है
मेरे भी दिल में आग लगी है
दोनों तरफ़ है एक सी हालत
दोनों दिलों पर बिजली गिरी है
आ जा रे आ ज़रा
लहरा के आ ज़रा
आँखों से दिल में समा
आ जा रे आ ज़रा
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Aa ja re aa zara-Love in Tokyo 1966
Artists: Joy Mukherji, Asha Parekh