सोने दो-सिटीलाइट्स २०१४
हो-सोने दो की? खाने दो, पीने दो, रोने दो, धोने दो
के बाद अब सोने दो भी शामिल है सूची में.
कोई चाँद को झोले में डाल रहा है तो कोई चाँद को
परोस रहा है. किसी ने चाँद का कटोरा बनाया तो
किसी ने चाँद की थाली, सबके अपने अपने चाँद.
जीत गांगुली के संगीत निर्देशन में ये गीत गाया है
अरिजीत सिंह ने. गीत लिखा है रश्मि सिंह ने.
गीत के बोल:
सोने दो ख्वाब बोने दो
सोने दो ख्वाब बोने दो
जागेंगे फिर थामेंगे
कोई वजह जीने की
सोने दो ख्वाब बोने दो
सोने दो ख्वाब बोने दो
परछाई के पीछे पीछे
भाग रहा है मन
चांद को मुट्ठी में भरने को
करता रोज़ जतन
प्यासे से इस पंछी को
कोई नदी मिलने दो ना
सोने दो ख्वाब बोने दो
सोने दो ख्वाब बोने दो
इतने सारे चेहरे हैं
और तन्हा सब के सब
तेरे शहर का काम है
चलना यूँ बेमतलब
चेहरों के इस मेले में
अपना कोई मिलने दो ना
सोने दो ख्वाब बोने दो
सोने दो ख्वाब बोने दो
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Sone do khwab bone do-Citylights 2014
Artist: Rakumar Rao
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