Jun 16, 2017

भगवान तुझे मैं खत लिखता-मनचला १९५३

हिंदी फिल्म संगीत के खजाने में भगवान से शिकायत वाले
लगभग ५० गीत हैं. अब आप पूछ सकते हैं कि गिनती कैसे
लगाई ? भगवान वाले गीत या भजन तकरीबन २००० के
आस पास हैं. ये आज तक सुने हुए गीतों के जोड़ बाकी
में से निकला हुआ फिगर है.

जब वाचाल संगीत प्रेमी २५,००० गाने सुन लेने का दावा कर
सकते हैं तो हम भी ४५,००० गीत सुन लेने का कर लेते हैं,
करने में क्या हर्ज है.

चित्रगुप्त का ये गीत मुझे सर्वप्रथम एक संगीत फोरम पर
२००५ के आस पास सुनने को मिला था. इसके पहले इसका
जिक्र भर सुना था एक संगीत प्रेमी से जो कि पुराने गीतों
का शौक़ीन था. उन बुज़ुर्ग से मुझे काफी ज्ञान मिला और
काफी कुछ सीखने को भी.

अपने शुरूआती दौर में चित्रगुप्त ने कुछ गीत भी गाये.आपको
एक गीत सुनवा चुके हैं उनका गाया हुआ जो शमशाद के
साथ उनका युगल गीत है. आज सुनते हैं फिल्म मनचला
से एक गीत जिसमें हास्य का पुट भी है. गीत राजा मेहँदी
अली खान ने लिखा है.





गीत के बोल:

भगवान तुझे मैं खत लिखता
पर तेरा पता मालूम नहीं
भगवान तुझे मैं खत लिखता
पर तेरा पता मालूम नहीं
रो रो लिखता जग की विपदा
ओ रो रो लिखता जग की विपदा
पर तेरा पता मालूम नहीं
भगवान तुझे मैं खत लिखता

तुझे बुरा लगे या भला लगे
तेरी दुनिया अपने को जमी नहीं
तुझे बुरा लगे या भला लगे
तेरी दुनिया अपने को जमी नहीं
कुछ कहते हुए डर लगता है
यहाँ दुष्टों की कुछ कमी नहीं
मालिक, मालिक तुझे सब समझाता
पर तेरा पता, तेरा पता मालूम नहीं

भगवान तुझे मैं खत लिखता
पर तेरा पता मालूम नहीं

मेरे सर पर दुखों की गठरी है
मेरे सर पर दुखों की गठरी है
रातों को नहीं मैं सोता हूँ
कहीं जाग उठे न पडोसी इसलिए
जोर से मैं नहीं रोता हूँ
तेरे सामने बैठे के मैं रोता
पर तेरा पता, तेरा पता मालूम नहीं

भगवान तुझे मैं खत लिखता
पर तेरा पता मालूम नहीं

कुछ कहूँ तो दुनिया कहती है
आंसू न बहा बकवास न कर
बकवास न कर बकवास न कर
ऐसी दुनिया में मुझे रख के
मालिक मेरा सत्यानाश ना कर
मालिक मेरा सत्यानाश ना कर
तेरे पास मैं खुद ही आ जाता
पर तेरा पता, तेरा पता मालूम नहीं

भगवान तुझे मैं खत लिखता
पर तेरा पता मालूम नहीं
…………………………………………………………
Bhagwan tujhe main khat likhta-Manchala 1953

3 comments:

प्रेम कटारिया,  July 25, 2017 at 11:44 PM  

हा हा

Geetsangeet August 28, 2017 at 9:29 PM  

रोचक गीत है ना !

© Geetsangeet 2009-2020. Powered by Blogger

Back to TOP