सुनो ओ शेरा वाली-एक फूल तीन कांटे १९९७
एक फूल तीन कांटे से. समीर के लिखे गीत की धुन तैयार की
है जतिन ललित ने. विनोद राठौड और कविता कृष्णमूर्ति ने
इसे गाया है.
गीत के बोल:
हाँ सुन ओ शेरावाली ज्योतावाली
दर से तेरे कोई जाए न खाली
बिगड़ी बनाती है तू
सबके काम आती है तू
हो सुन ओ शेरावाली ज्योतावाली
दर से तेरे कोई जाए न खाली
बिगड़ी बनाती है तू
सबके काम आती है तू
हो सुन ओ शेरावाली ज्योतावाली
दर से तेरे कोई जाए न खाली
तेरे मन में क्या है किसको पता
हो तेरे मन में क्या है किसको पता
कुछ होता नहीं तेरी मर्ज़ी बिना
हो हमने बस यही मांगी है दुआ
हमें सपनो का संसार दे
चाहे दिल जिसको वो प्यार दे
सुन ओ शेरावाली ज्योतावाली
दर से तेरे कोई जाए न खाली
कोई ढूंढें यहाँ कोई ढूंढें यहाँ
हाँ कोई ढूंढें यहाँ कोई ढूंढें यहाँ
ओ तेरी धरती गगन तेरे दोनों जहाँ
हो आये यहाँ हम तो ये सोच के
तू बना देगी अपना भी काम
तेरे चरणों में शत शत प्रणाम
हो ओ ओ सुन ओ शेरावाली ज्योतावाली
दर से तेरे कोई जाए न खाली
बिगड़ी बनाती है तू
सबके काम आती है तू
सुन ओ शेरावाली ज्योतावाली
दर से तेरे कोई जाए न खाली
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Sun o sherawali-Ek phool teen kaante 1997
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