Feb 20, 2018

एक बुत बनाऊँगा तेरा-असली नकली १९६२

फिल्म असली नकली का नाम सुनाई देते ही नकली घी का नाम
भी याद आ जाता है. तमाम दुकानों पर किसी समय बोर्ड लगा
मिलता था-नकली साबित करने वाले को इनाम. ये १०० रूपये से
ले कर १००० रूपये तक होता था. किसी को इनाम मिला हो ऐसा
व्यक्ति मुझे आज तक नहीं मिला.

सुनते हैं फिल्म असली नकली से एक गीत रफ़ी का गाया हुआ.
ये शायद लल्लो चप्पो की इन्तेहा है कि नायक नायिका का बुत
बना कर पूजा करना चाहता है. ये शायद उस समय तक कंसेप्ट
लेवल पर था जहाँ तक फिल्मों का सवाल है. एक अभिनेत्री का
मंदिर बन चुका है दक्षिण भारत में ९० के दशक में.

गीत हसरत जयपुरी का है और संगीत शंकर जयकिशन का. आनंद
उठायें इस अनूठे गीत का. कलाकारों को आप पहचान ही लेंगे ऐसा
मेरा विश्वास है.इसे हम फ़िल्मी बरसाती गीत भी कह सकते हैं.



गीत के बोल:

एक बुत बनाऊँगा तेरा और पूजा करूँगा
एक बुत बनाऊँगा तेरा और पूजा करूँगा
एक बुत बनाऊँगा तेरा और पूजा करूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा
एक बुत बनाऊँगा तेरा और पूजा करूँगा
एक बुत बनाऊँगा तेरा और पूजा करूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा

रूप की चांदी प्यार का सोना प्रेमनगर से ला के
तेरी सुंदर छबि बनेगी दोनों चीज़ मिला के
रूप की चांदी प्यार का सोना प्रेमनगर से ला के
तेरी सुंदर छबि बनेगी दोनों चीज़ मिला के
रंग वफ़ा का मैं तेरी मूरत में भरूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा

मनमंदिर में तुझको बिठा के रोज करूँगा बातें
शाम सवेरे हर मौसम में होंगी मुलाक़ातें
मनमंदिर में तुझको बिठा के रोज करूँगा बातें
शाम सवेरे हर मौसम में होंगी मुलाक़ातें
दिल का हाल कहूंगा तुझसे मैं ना डरूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा

दुनिया एक अजायबखाना लेकिन फिर भी फानी
इस धरती पर अमर रहेगी मेरी प्रेमकहानी
दुनिया एक अजायबखाना लेकिन फिर भी फानी
इस धरती पर अमर रहेगी मेरी प्रेमकहानी
चाहे जितने रूप में आऊँ तेरा रहूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा

एक बुत बनाऊँगा तेरा और पूजा करूँगा
एक बुत बनाऊँगा तेरा और पूजा करूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा
अरे मर जाऊँगा प्यार अगर मैं दूजा करूँगा
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Ek but banaoonga-Asli Naqli 1962

Artists: Dev Anand, Sadhana

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